कोलारस। कोरोना की जंग में पूरा देश घरबंदी कर रहा हैं। इस सक्रमंण की चैन को क्रेेक करने के लिए घरो में रहना अतिआवश्क था। लॉकडाउन के इस समय प्रशासन ने दाबे किए कि किसी भी व्यक्ति को भूखा नही रहना दिया जाऐगा। समाज सेवी भी दिल खोलकर राशन दान कर रहे हैं ऐसे प्रेस नोट ओर फोटो मिडिया को भेजे जा रहे हैंं।
वही कोलारस अनुविभाग की लुकवासा चौकी से लुकडाउन की एक दूसरी तस्वीर आ रही हैं खबर आ रही हैं कि लुकवासा कस्बे में भीख मांगकर अपना गुजरा करने वाली 75 साल की वृद्ध महिला ने शनिवार की देर शाम ट्रेन के आगे आकर अपनी जान दे दी हैं!
जानकारी के अनुसार मरो बाई जाटव (75) पत्नी स्वर्गीय भोटूराम जाटव निवासी लुकवासा शनिवार को बिना बताए स्टेशन की तरफ चली गई। शाम 5.30 बजे मालगाड़ी ट्रेन गुजरने के बाद घर वालों को सूचना मिली कि पटरी पर मरो बाई घायल पड़ी हैं। किसी ने डायल 108 पर सूचना दे दी।
लुकवासा चौकी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एंबुलेंस से मरो बाई को कोलारस अस्पताल लाकर भर्ती कराया। इलाज के दौरान मरो बाई ने दम तोड़ दिया। संजीव जाटव का कहना है कि उसकी दादी मरो बाई कस्बे में घर-घर जाकर लोगों से भीख मांगती थी।
लॉक डाउन की वजह से घर पर ही बैठना पड़ गया। वह भी मजदूरी करने नहीं जा पा रहा था। हर दिन मजदूरी करके आटा, दाल आदि खरीदकर खाने-पीने की व्यवस्था करते थे। लेकिन लॉक डाउन से सबकुछ गड़बड़ा गया। हालाकि इस बात में कितना सच्चाई है कि भीख न मिलने के कारण उसने आत्महत्या की हैं यह समझ से परे हैं,लेकिन भीख मांगकर जीवन यापन करने वाली महिला के पास भीख के अतिरिक्त दूसरा विकल्प नही था।