माननीय CM साहब आपको मीडिया कर्मियो का भी ध्यान रखना चाहिए, इन्हें भी फाईटर घोषित कर दो / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवुपरी। माननीय सीएम साहब आज भाजपा के प्रेस नोट में आपकी दरियादिली देखने को मिली आपने जरूरतमंद अधिवक्ताओ को मदद स्वरूप 5 हजार देने की घोषणा की हैं। अच्छा निर्णय हैं पिछले डेढ माह से भी बेरोजगार बैठे है। सबकी मदद हो रही हैं तो इनकी भी होनी चाहिए।

मप्र शासन ने कोरोना के ड्यूटी कर रहे कुछ सरकारी विभागो के कर्मचारी हो कोरोना आपदा में 50 लाख रू का बीमा किया हैं। जैसे स्वास्थय विभाग,पुलिस विभाग,महिला बाल विकास विभाग,उर्जा विभाग इत्यादि। लेकिन इन सब विभागो के साथ कदम ताल कर रहे मप्र के वीर मीडिया कर्मियो का भी ध्यान दख लेते।

मीडिया ने शायद इस समय निगेटिव पत्रकारता न करने का मन बना लिया हैं। कोरोना की आपदा में वह भी पॉजीटिव सोच के साथ मैदान में खडा हैं। जहां पुलिस,स्वास्थय विभाग ओर भी सरकारी कर्मचारी जा रहे हैं मीडिया पूरे दम से कवरेज करने खडा हैं। इस कफ्यू काल में अपना कर्तव्य निभाने के लिए पुलिस के डंटे भी फ्री में खा रहा हैं।  

इस कोरोना काल में बडे
माननीय CM साहब आपको मीडिया कर्मियो का भी ध्यान रखना चाहिए,इन्है भी फाईटर घोषित कर दो
शिवुपरी। माननीय सीएम साहब आज भाजपा के प्रेस नोट में आपकी दरियादिली देखने को मिली आपने जरूरतमंद अधिवक्ताओ को मदद स्वरूप 5 हजार देने की घोषणा की हैं। अच्छा निर्णय हैं पिछले डेढ माह से भी बेरोजगार बैठे है। सबकी मदद हो रही हैं तो इनकी भी होनी चाहिए।

मप्र शासन ने कोरोना के ड्यूटी कर रहे कुछ सरकारी विभागो के कर्मचारी हो कोरोना आपदा में 50 लाख रू का बीमा किया हैं। जैसे स्वास्थय विभाग,पुलिस विभाग,महिला बाल विकास विभाग,उर्जा विभाग इत्यादि। लेकिन इन सब विभागो के साथ कदम ताल कर रहे मप्र के वीर मीडिया कर्मियो का भी ध्यान दख लेते।

मीडिया ने शायद इस समय निगेटिव पत्रकारता न करने का मन बना लिया हैं। कोरोना की आपदा में वह भी पॉजीटिव सोच के साथ मैदान में खडा हैं। जहां पुलिस,स्वास्थय विभाग ओर भी सरकारी कर्मचारी जा रहे हैं मीडिया पूरे दम से कवरेज करने खडा हैं। इस कफ्यू काल में अपना कर्तव्य निभाने के लिए पुलिस के डंटे भी फ्री में खा रहा हैं।  

इस कोरोना काल में बडे-बडे मीडिया हाउसो के पत्रकारो को वेतन मिल रही हैंं ऐसे पत्रकारो को क्या जो छोटे मीडिया हाउसो से हैं। उन पत्रकारो को क्या जो इस समय अपनी जेब से पैसे खर्च कर सरकारी सूचनाओ को जनता तक पहुंचा रहे हैं। इसमें सबसे अधिक सोशल मीडिया के पत्रकार एक्टिव रहे है पलक क्षपकते ही कवरेज कर रहे हैं।

अगर छोटे शहर को के पत्रकारो की बात की जाए तो वे शुद्ध रूप से बिना वेतन के शासन ओर पब्लिक के नौकर हैं। इस आपदा में अपनी जिम्मेदारी पूण रूप से निभा रहे हैं। हम 5 हजार की शासन की भीख की मांग नही कर रहे हैं बस सम्मान की बात कर रहे हैं। शासन का तो पत्रकारो को मास्क भी नही लिया हैं।

हम पैसे के नही संम्मान के भूखे हैं। हमारी गिनती तो बस कोरोना फाईटरो में भी कराना चाहिए। प्रत्येक मीडिया कर्मी का बीमा होना चाहिए। जिससे हमारा भी सीना गर्व से फूल जाए कि हमने भी इस महाआपदा में अपना कर्तत्य निभाया हैं। वैसे तो पूर्ण रूप से निभाया हैं लेकिन इस पर सरकारी मोहर आवश्यक हैं। पत्रकारो का भी इस महाआपदा में बीमा होना चाहिए। बडे मीडिया हाउसो के पत्रकारो को वेतन मिल रही हैंं ऐसे पत्रकारो को क्या जो छोटे मीडिया हाउसो से हैं। उन पत्रकारो को क्या जो इस समय अपनी जेब से पैसे खर्च कर सरकारी सूचनाओ को जनता तक पहुंचा रहे हैं। इसमें सबसे अधिक सोशल मीडिया के पत्रकार एक्टिव रहे है पलक क्षपकते ही कवरेज कर रहे हैं।

अगर छोटे शहर को के पत्रकारो की बात की जाए तो वे शुद्ध रूप से बिना वेतन के शासन ओर पब्लिक के नौकर हैं। इस आपदा में अपनी जिम्मेदारी पूण रूप से निभा रहे हैं। हम 5 हजार की शासन की भीख की मांग नही कर रहे हैं बस सम्मान की बात कर रहे हैं। शासन का तो पत्रकारो को मास्क भी नही लिया हैं।

हम पैसे के नही संम्मान के भूखे हैं। हमारी गिनती तो बस कोरोना फाईटरो में भी कराना चाहिए। प्रत्येक मीडिया कर्मी का बीमा होना चाहिए। जिससे हमारा भी सीना गर्व से फूल जाए कि हमने भी इस महाआपदा में अपना कर्तत्य निभाया हैं। वैसे तो पूर्ण रूप से निभाया हैं लेकिन इस पर सरकारी मोहर आवश्यक हैं। पत्रकारो का भी इस महाआपदा में बीमा होना चाहिए।
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