शिवुपरी। सरकारे कितना भी दावे कर रही हैं कि सीमा और राज्यो की सीमाए सील हैं,लेकिन सच्चाई इससे उलट आ रही है और सबूत दे रही हैं सूनी सडके। सडको पर पैदयात्रा करते परिवार इस सच्चाई को दिखा रही हैं। ऐसा ही एक परिवार तो पिछले अपने घर की पहुंचने की एक मात्र आस में पिछले 8 दिनो से पदयात्रा कर रहा हैं।
नासिक में घर और मॉल में टाइल्स बिछाने का काम करने वाले सास, बहू, बेटा, नाती सहित परिवार के 11 सदस्याें काे शिवपुरी आने के लिए 150 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ी।
सेंधवा से इन्हें ट्रक से लिफ्ट मिल जाने पर यह शनिवार की रात काे शिवपुरी तो पहुंच गए लेकिन यहां से मुरैना जिले के कैलारस पहुंचने के लिए भी इनको पैदल ही यात्रा शुरु करनी पड़ी क्योंकि यहां से भी उन्हे कोई साधन नहीं मिल सका।
मुरैना जिले के कैलारस निवासी मजदूर सास रामबेटी 48 वर्ष ने बताया कि वह अपनी बहू सपना 30 वर्ष, बेटा हरिओम 32 वर्ष, नाती बॉबी 04 वर्ष और देवकी 06 वर्ष, बेटे कोमल 28 वर्ष, भतीजे रवि 22 वर्ष, सपना 18 वर्ष, दीपू 17 वर्ष, कैलाश और सुरेश 19 वर्ष के साथ नासिक से अब से 8 दिन पहले वहां से कैलारस के लिए निकले थे।
कोई साधन न मिलने पर वह पैदल ही वहां से निकल पडे, 7 दिन का सफर पैदल तय किया तब इन्हे सैंधवा बॉर्डर से एक ट्रक ने लिफ्ट दी ओर यह शिवपुरी तक आ सके। 8 वे दिन आकर इन लोगों ने खाना खाया और बच्चों को कहीं भी पीने के लिए दूध तक नहीं मिला।
वह भी कई जगह पैदल हमारे साथ चले। इसके बाद शिवपुरी पहुंचने पर गुना बायपास पर संचालित जैन समाज के लंगर में भोजन किया। लेकिन यहां से भी उन्हे कैलारस जाने के लिए साधन नहीं मिला।