विधानसभा में गूंजेगा एक्सपायरी दवाओं का मामला, यशोधरा राजे ने प्रश्न लगाया | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी की मीडिया की सुर्खियो से होते हुए शिवपुरी के जिला अस्पताल की एक्सपायर दवाओ को जलाने का मामला विधानसभा तक पहुंच गया हैं। शिवपुरी की विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने एक्सपायरी दवाओ के जलाने के मामले में सरकार से जबाब मांगा हैं इसके अतिरिक्त एक अन्य प्रश्न में जिले में हुई मौतो का विवरण भी राजे ने सरकार से पूछा हैं।

जैसा की विदित हैं कि 27 फरवरी को अस्पताल प्रबंधन ने एक्सापयर डेट की दवाए जलाने के मामले को प्रमुखता प्रकाशित की थी। मिडिया ने लिखा था गरीबो का नही दी करोडो की दवााए और फूक डाली। इस खबर के प्रकाशन के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जली हुई दवाओ के अवशेष फिकवा दिया। इसके बाद इस मामले की जांच अस्पताल में पदस्थ डॉ साकेत सक्सैना को सौप दी ओर इस अग्निकाण्ड को दवाओ के जगह कचरा जलाने का तानाबना बुनने का प्रयास किया जाने लगा। जांच अभी भी कागजो में चल रही हैं।

जिला अस्पताल प्रबंधन ने गरीब मरीजो के लिए भेजी गई दवाओ को पहले न बांट कर एक्सपायर करने और फिर उन्है बिना किसी वैधानिक प्रोसेस के आग के जला देने के मामले में विधानसभा में अस्पताल प्रबंधन को जवाब तलब कर पूछा कि आखिर मरीजों को दवाएं क्यो नही बॉॅटी गई। जब वह दवाएं एक्सपायर हो गई तो फिर उन्है डिस्पोजल करने के लिए निा किसी वैधानिक प्रोसेस के क्यो जलाया गया


शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया इस मामले के विधानसभा ले गई उन्होने प्रदेश के स्वास्थय मंत्री से जबाब मांगा हैं कि आखिर दवांए एक्सपायर क्यो हुई और फिर उन्है किसी वैधानिक प्रोसेस के आखिर कैसे जलाया गया।

वही प्रश्न क्रमांक 965 के माध्यम से विधायक राजे ने सरकार लोक स्वास्थय एंव परिवार कल्याण मंत्री से पूछा हैं कि शिवपुरी जिला चिकित्सालय शिवपुरी से पिछले 1 साल में कितने मरिजो को ग्वालियर रैफर किया गया हैं,इन मरीजो को रैफर करने के क्या कारण थें।

किस—किस बीमारी के किन किन मरीजों को रैफर किया गया नाम सहित जानकारी मांगी हैं। ऐसे कितने मरिज है जिन्है ग्वालियर रैफर किया गया ओर उनकी रास्ते में मौत हो गई। अस्पताल में सभी संसाधन होने के बाद भी ग्वालियर मरिजो को रैफर क्या किया जाता हैं।

बताया जा रहा हैं कि शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के यह दोनो सवाल अस्पताल प्रबंधन की गले की हडडी बन गए हैं। एक्सापयर दवाओ के जलाने के मामले में मिडिया को प्रबंधन ने यह जबाब देकर चौका दिया था कि दवाई नही जलाई गए कचरा जलाया गया था। इस मामले की लीपापोती करने का प्लान बनाया जा चुका था लेकिन विधानसभा में फिर एक्सपायर दवाओ के जलाने के मामले में फिर आग लगा दी हैंं।

राजे के दूसरे सवाल से अस्पताल प्रबंधन की नाकामी बाहर आ सकती हैं। केवल सर्दी खांसी और समान्य बुखार तक के मरीजो को रैफर कर डराने का प्रयास किया जाता हैं। बताया जा रहा हैं अस्तपाल इस समय पूरा प्राईवेट हॉस्पिटल प्रबधंको के हाथो में हैं। समान्य बीमारी वाली मरीजो को डराया जाता हैं जिससे वे प्राईवेट चिकित्सा ले। जो मरीज पैसा नही खर्च कर सकते वे ग्वालियर के सरकारी अस्पताल की ओर रूख कर लेते हैं,कुछ मरीज प्राईवेट हॉस्पिटलो चले जाते हैं। शिवपुरी अस्पताल में ऐसे कई डॉक्टर पोस्टिंग ले हुए है जिनके प्राईवेट अस्पताल में साईलेंट पार्टनशिप हैं।

इनका कहना हैं
जांच डॉ साकेत सक्सैना कर रहे हैं,अभी उसमें जांच बयान आदि होना हैं। जांच में जो आएगा,वह विधानसभा को भिजवाएंगें।
डॉ.एलएम अग्रवाल सिंविल सर्जन