शिवपुरी। जिले के करैरा थाना अंतर्गत ग्राम फतेहपुर में रहने वाले मदन उम्र 38 साल पुत्र महत्तम बाल्मीक की रविवार दोपहर कथित तौर पर फोरेस्ट गार्ड की गोली से हुई मौत के बाद सोमवार को पोस्ट मार्टम के बाद परिजन मृतक के शव को अपने गांव ले गए। बताया गया हैं कि परिजनो ने दाह संस्कार से पूर्व प्रशासन से अपनी मांगी रखी ओर उसके बाद ही अंतिम संस्कार करने की जिद पर अड गए।
बताया गया है कि सोमवार को प्रशासिनिक अधिकारी पूरे दिन परिवार वालो को समझाते रहे। समझाइश के बाद जब चिता को आग लगाई गई तो कुछ नेता वहां आ गए और परिजनो को भडका दिया और जलती चिता को बुझवाने के लिए प्रयास किया। प्रशासन ने फिर परिजनो को समझाया जब की जाकर शाम को अंतिम संस्कार किया गया। वही एएसपी का कहना हैं कि जलती चिता में अवरोध पैदा करने वालो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाऐंगी।
यह था घटनाक्रम
फतेहपुर गांव में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और वाल्मीकि परिवार के बीच झगड़ा हो गया था। जिसमें गोली लगने से मदन वाल्मीकि की मौत हो गई थी। पत्नी की रिपोर्ट पर पुलिस ने रेंजर एसके शर्मा, डिप्टी रेंजर सहित दस लोगों पर नामजद और चार अन्य अज्ञात लोगों पर उसी दिन मुकदमा दर्ज कर लिया था। झगड़ाा हैंडपंप पर पानी भरने पर उचटे छींटो को लेकर बताया जा रहा हैं,लेकिन इस झगडे की कई कहानी समाने आ रही हैं। झगडा किस बात काे लेकर हुआ, इस बारे में दूसरे दिन भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
मृतक मदन के पिता महत्तम वाल्मीकि भी खुद वन विभाग में सतनवाड़ा की चांड बीट में पदस्थ हैं। एसपी राजेश सिंह का कहना है कि मृतक के परिजन मदन की मौत को लेकर अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे थे। बाद में समझाने पर मान गए और अंत्येष्टि करा दी है।वहीं एफआईआर में तीन गोलियां लगना लिखा गया है, जबकि ग्रामीणों से बातचीत में पता चला है कि गोली सिर्फ एक ही चली थी।