शिवपुरी। खबर शिवपुरी के बेरोजगारो को लेकर आ रही हैं। अगर जिम्मेदारी अपनी जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक निभा लेते तो शिवपुरी के 300 पढे लिखे युवा कम हो जाते और उनके दामन से बेरोजगारी जैसा दाग हट जाता उनकी डिग्रीया काम आ जाती। लेकिन जिम्मेदारो ने बेराजगार और उनकी डिग्रीयो के साथ खिलवाड कर दिया।
जानकारी के अनुसार 1200 किमी दूर मुंबई के बोईसर से विराज कंपनी के एचआर की टीम शिवपुरी में युवाओं को रोजगार देने के लिए आ गई लेकिन इस मेला में महज 11 छात्र ही पहुंचे। छात्रों की कम उपस्थिति देखकर कंपनी की टीम हताश हो गई। कंपनी यहां से 300 युवाओं को ट्रेनी ऑपरेटर पद पर चयनित करना चाहती थी। इसकी सूचना 8 दिन पहले विभाग के संचालक ने पत्र जारी कर आईटीआई प्रबंधन को दी थी। लेकिन प्रबंधन युवाओं को रोजगार मेले की सूचना नहीं दे सका।
मंगलवार को आईटीआई परिसर में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें विराज प्रोफाइल लिमिटेड कंपनी के एचआर हेड रजनीश कुमार शिवपुरी आए। उन्होंने अपनी कंपनी में रोजगार देने के लिए ट्रेनी ऑपरेटर पद पर भर्ती के लिए मंगलवार को सुबह 9 बजे से युवाओं को रोजगार मेले में बुलाया था, लेकिन दोपहर 12 बजे तक महज 11 युवा ही इस मेले में आए।
युवाओं की कम उपस्थिति पर रजनीश कुमार कहा कि हर जगह हमें युवाओं की संख्या सैकड़ों की मिली। लेकिन शिवपुरी ऐसा पहला जिला है, जहां इतने कम युवा अाए। जबकि हम यहां 3 सैकड़ा से अधिक युवाओं को चयनित कर उन्हें स्थायी रोजगार देने आए थे।
उन्होंने बताया कि प्रति युवा काे 11 हजार पांच साै रुपए प्रतिमाह वेतन देते हैं। इसमें आईटीआई से फिटर, टर्नर, मशीनरी, वेल्डर और डीजल टैक्नीशयन पद के लिए हमारे पास रिक्तियां थीं। 1 साल बाद यही कर्मचारी जूनियर ऑपरेटर बन जाते और वह 12 हजार 500 की सैलरी से अपनी नौकरी की शुरुआत करते।
यह कहा कंपनी के एचआर मैनेजर ने
हमारे पास कंपनी में 9 हजार वर्कर हैं। इसमें आईटीआई से फिटर, टर्नर, मशीनरी, वेल्डर और डीजल टेक्नीशयन पद के लिए हमारे पास रिक्तियां थीं। हमें शिवपुरी से 300 युवाओं का चयन करना था, लेकिन 11 युवा ही इंटरव्यू के लिए आए। इन सभी को नौकरी मिल गई है।
प्रबंधन का दावा:सबको सूचना दी
आईटीआई कॉलेज के ट्रेनिंग ऑफीसर आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि इस मेले की सूचना उन्होंने बदरवास, कोलारस, पोहरी, दिनारा, रेडिएंट और सिफिनेट आईटीआई कॉलेज को दी थी। लेकिन यहां से अभी तक एक भी युवा नहीं आया। हो सकता है वह इस मेले में देर से पहुंचे।
हमारा काम तो सूचना देना है और हम सूचना देने के साथ और क्या कर सकते हैं। जबकि हकीकत यह है कि इस मेले की सूचना महज एक दिन पहले दी गई, वाे रात काे। यानी कार्यक्रम से महज 12 घंटे पहले। यह सूचना समाचार पत्र में प्रकाशित भी हुई लेकिन युवाओं को इतना कम समय मिला कि वे मेले में नहीं आ पाए।
यह बोले ट्रेनिंग अधिकारी
हमारे प्राचार्य अभी छुटटी पर हैं और रोजगार मेले की सूचना हमने बदरवास, कोलारस, पोहरी, दिनारा, रेडिएंट और सिफिनेट आईटीआई कॉलेज को दी। अब कम युवा आए तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। जो आए उनको रोजगार मिलेगा।
आलोक श्रीवास्तव, ट्रेनिंग अधिकारी, आईटीआई, शिवपुरी