बैराड। खबर जिले के पोहरी अनुविभाग के बैराड कस्बे से आ रही हैं। बैराड नगर में करोडो रूपए की जमीन को निजी लोगो के नाम पर दर्ज कर प्लॉट बेचे गए। यह जमीन कालामड में थी। यह घोटाला शिवपुरी जिले का सबसे बडा जमीन घोटाला था।
कालामड का काला सच तो वैसे जब ही बहार आ गया था। तब इस सरकारी संमत्ति के टूकडें—टूकडे करके बेचा जा रहा था,लेकिन वर्तमान प्रशासन शिकायतकर्ताओ की सुन नही रहा था। मामला हाईकोर्ट के दरवाजे तक भी पहुंचा था,लेकिन अब अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ तो इस मामले की परते पुन:खुलना शुरू हो गई है।
बताया जा रहा हैं कि ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर ने तहसीलदार ओपी राजपूत को लेकर कमिश्नर को पत्र लिखा है। पोहरी तहसीलदार ओपी राजपूत द्वारा बैराड़ में पदस्थी के दौरान कालामढ़ की करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि को निजी लोगों के नाम कर दिया था।
इसे लेकर पोहरी के तत्कालीन एसडीएम मुकेशसिंह ने इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर के यहां भेजा था। कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कमिश्नर के यहां भेजा था, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसे लेकर पोहरी के लोगों ने सांसद विवेक शेजवलकर से शिकायत की। उन्होंने पत्र कमिश्नर एमबी ओझा को लिखा है।
अतिक्रमण को लेकर विवादों में आए थे तहसीलदार
पोहरी में अतिक्रमण हटाने के दौरान जब कई रसूखदारों के अतिक्रमण हटाए गए जिसे लेकर तहसीलदार विवादों के घेरे में आ गए और उनके बैराड पदस्थी के दौरान हुए जमीन के बड़े घोटाले खुलकर सामने आने लगे।
कालामड का काला सच तो वैसे जब ही बहार आ गया था। तब इस सरकारी संमत्ति के टूकडें—टूकडे करके बेचा जा रहा था,लेकिन वर्तमान प्रशासन शिकायतकर्ताओ की सुन नही रहा था। मामला हाईकोर्ट के दरवाजे तक भी पहुंचा था,लेकिन अब अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ तो इस मामले की परते पुन:खुलना शुरू हो गई है।
बताया जा रहा हैं कि ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर ने तहसीलदार ओपी राजपूत को लेकर कमिश्नर को पत्र लिखा है। पोहरी तहसीलदार ओपी राजपूत द्वारा बैराड़ में पदस्थी के दौरान कालामढ़ की करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि को निजी लोगों के नाम कर दिया था।
इसे लेकर पोहरी के तत्कालीन एसडीएम मुकेशसिंह ने इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर के यहां भेजा था। कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कमिश्नर के यहां भेजा था, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसे लेकर पोहरी के लोगों ने सांसद विवेक शेजवलकर से शिकायत की। उन्होंने पत्र कमिश्नर एमबी ओझा को लिखा है।
अतिक्रमण को लेकर विवादों में आए थे तहसीलदार
पोहरी में अतिक्रमण हटाने के दौरान जब कई रसूखदारों के अतिक्रमण हटाए गए जिसे लेकर तहसीलदार विवादों के घेरे में आ गए और उनके बैराड पदस्थी के दौरान हुए जमीन के बड़े घोटाले खुलकर सामने आने लगे।