काली रात में सोसाईटी कर रही थी यूरिया की कालाबजारी, दिन में सोसायटी बंद

Bhopal Samachar
कोलारस। शिवपुरी। प्रदेश में कांग्रेस के आते ही यूरिया पर काले बादल छाने लगें हैं,यूरिया की शोर्टेज की वजह से पूरे प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी की खबरे आ रही हैं,ऐसे ही एक यूरिया के काला बाजारी की खबर आ रही हैं।

जानकारी के अनुसार कोलारस तहसील में सोसाईटीयों के पास 410 टन यूरिया आया है। शासन के नियमानुसार 20 प्रतिशत प्रायवेट कंपनीयों है जबकि 80 प्रतिशत माल सोसाईटीयों के जरिए किसानों को बटवाना था। बीती रात्रि सूचना मिली कि मानीपुरा एप्रोच रोड पर देहरदा गणेश सोसाईटी के प्रबंधक राजमल गुप्ता काली रात में यूरिया की कालाबाजारी कर रहे थे। दिन में सोसायटी पर खाद उपलब्ध नही रहता हैं,पब्लिक दिन में लाईन लगाकार खाद लेती हैं,लेकिन इस सोसायटी पर कालीरात में खाद का वितरण किए जाने की खबर आ रही हैं।  

बताया गया है कि देहरदा गणेश सोसाईटी का प्रबंधक राजमल गुप्ता बाजार में मिलने बाले यूरियों को 270 रूपए की जगह 350 रूपए में खफा रहा था। जिसकी सूचना तत्काल मारपेड के अधिकारीयों सहित गोदाम प्रभारी राजेश त्यागी, सोसाईटी के प्रशासक मुकेश सक्सैना को दी। उसके बाद सुबह इस मामले की सूचना जिला महाप्रबंधक वायके सिंह को दी। उन्होने तत्काल कार्यवाही की कहकर तत्काल टीम को भेजने की बात कही।

तभी सूचना मिली कि उक्त टीम कोलारस की ही सीएसएस गोदाम खाद क्रमांक 385 पर जा पहुंची। जहां जाकर देखा तो इस दुकान का संचालक विनोद वर्मा मानीपुरा में स्थिति इस दुकान पर खाद को 350 रूपए में बेचता मिला। जिसपर एसडीएम ने कार्यवाही करते हुए तत्काल उक्त दुकान को बंद कर दिया।

इस पूरे मामले में जिला महाप्रबंधक पर सवाल खडे हो रही हैं कि सूचना देहरदा गणेश की सोसायटी की काला बाजारी की थी,लेकिन दुकान विनोद वर्मा मानीपुरा की सील करा दी। इससे सिद्ध् होता हैं कि कही ना कही कालाबाजारी के तार सीधे जिला स्तर पर जुड रहे हैं।

अब बताया जा रहा हैं कि यह मामला ज्यादा तूल न पकडे इस कारण देहरदा गणेश सोसायटी के प्रबंधक और कोलारस के सहकारी बैंक के मैनेजर मिलकर किसानो को खाद बांट रहे हैं। लेकिन सुबह यह दुकान बंद थी,मिडिया सक्रिय हुई इसके बाद यह सोसायटी की दुकान 2 बजे के बाद खोली गई हैं। इसका सीधा मतलब यह हैं कि इस दुकान पर दिन में किसानो के लिए खाद उपलब्ध नही हैं,रात में आसानी से मिल जाता हैं।

बायके सिंह वह नाम हैं जिनके कार्यकाल में श्रीजी वेयर हाउस घोटाले की रचना की गई हैं। श्रीजी वेयर हाउस में रखे अमानक चने के कारण किसानो का 2 करोड 63 लाख का भुगतान अटका हुआ हैं। 
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