91 महिला शिक्षक तबादला कांड के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगी | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आजकल शिक्षा विभाग सुर्खियो में हैं अपनी पढाई को लेकर नही बल्कि शिक्षको के हुए ट्रांसफर को लेकर। नियम विरूद्ध् हुए ट्रांसफरो को लेकर शिक्षको ने अपत्ति उठाते हुए विरोध प्रर्दशन भी किया। इस विरोध प्रर्दशन में कर्मचारी संगठनो के अतिरिक्त राजनीतिक दल भी कूंद गए।

महिला शिक्षको के ट्रांसफर जंगलो के समीप और जिला मुख्यालय से 100 किमी अधिक दूर किए जाने का मामला लगातार उठने के कारण प्रशासन ने पुन:अपत्ति सुनवाई का कार्यक्रम रखा था लेकिन इसमे भी शिक्षको की नही सुनी गई। अपत्तियो में भी तमाम विसंगतिया पाई गई इस कारण अपने विभाग की कार्यप्रणाली के विरोध में कुछ शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए और अब सिलसिला भी शुरू हो गया हैं।

बताया जा रहा हैं की शिक्षकों की तबादला सूची पर छिड़े विवाद के बीच हाईकोर्ट से भी स्टे मिलने की कार्रवाई शुरू हो गई है। 19 दिन के अंतराल में शिक्षक मोहम्मद राशिद के दो बार स्थानांतरण और स्कूल में रिक्त पद का आधार स्टे के लिए अहम साबित हुआ। शिक्षक ने अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष मजबूती से रखा।

इस पर उन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। इस स्टे के बाद अब कई और महिला शिक्षिकाएं भी हाइकोर्ट की शरण लेने की तैयारी में हैं, क्योंकि उन्हें शहर से 120 किमी दूर तक स्थानांतरित कर दिया गया है। इस पर उन्होंने काउंसिलिंग के दौरान भी आपत्ति जताई थी।

शहर के बालक विद्यालय पुरानी शिवपुरी में पदस्थ शिक्षक मोहम्मद राशिद ने बताया कि 4 नवंबर को उन्हें शासकीय प्राथमिक विद्यालय लुधावली से प्राथमिक विद्यालय बालक पुरानी शिवपुरी में अध्यापन के लिए भेजा गया। फिर 23 नवंबर काे पिछोर के खोड़ स्थित प्राथमिक विद्यालय में उनका तबादला कर दिया गया।

शिक्षक ने बताया कि पहले तो जिस प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ था वहां की सीट से मुझे हटाया गया और मेरा तबादला 50 किमी दूर पिछोर के खोड़ स्थित प्रा वि शिवराज में स्थानांतरित किया गया। जब आपत्ति लगाने हम बीटीआई पहुंचे तो वहां देखा कि जिस जगह से मुझे स्थानांतरित किया गया है वहां एक पद रिक्त है।

91 शिक्षिकाएं सोमवार को न्यायालय की शरण लेंगी

मोहम्मद राशिद को स्टे आदेश मिल जाने के बाद अब महिला शिक्षिका भी स्टे लेने की तैयारी में हैं। राशिद को स्टे मिलने की जानकारी जैसे ही अन्य शिक्षकों और महिला शिक्षकों को लगी तो उन्हें भी आस जगी।

शिक्षिकाओं का आरोप है कि यदि विभाग ने शनिवार को हमारी आपत्ति प्रकरण में सुनवाई नहीं की तो फिर हम सोमवार को हाईकोर्ट की शरण लेने मजबूर होंगे। हालांकि शिक्षा विभाग अभी तक इन 225 स्थानांतरण में आई 173 आपत्तियों पर क्या निर्णय लिया, इस संबंध में कुछ भी कहने से बचता दिख रहा है।

बीएसी और सीएसी प्रकरण में भी मचा हंगामा

शिक्षा विभाग बीएसी और सीएसी के चयन के लिए जाे प्रक्रिया अपनाई वह भी सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि इस प्रकिया में भी वरिष्ठता क्रम को लेकर शिक्षकों ने आपत्ति जताईं। यही नहीं कुछ शिक्षकों के तो नाम तक इस सूची में नहीं थे।

इस सूची को अपडेट करने हालांकि शिक्षा विभाग ने संकुलों पर पत्र जारी कर अपडेट मांगा है और इससे पहले 5 दिन का समय भी लिया है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी पूरी जानकारी शिक्षा विभाग निकाल सकेगा। वह भी समय पर यह बड़ा सवाल है। फिलहाल तो जो प्रक्रिया शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर विभाग ने बनाई उसमें आपत्तियों को लेने के बाद अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है।


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