शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में आज भी शहर के विभिन्न स्थानों पर सफाईकर्मियों को हाथ से संडास साफ करनी पड़ती है। शहर में बाबू क्वार्टर, जो कि PWD के हैं, वहाँ चैम्बर का निर्माण नहीं किया गया है। वहाँ संडास नालियों में बहती है और सफाईकर्मियों को साफ़ करनी पड़ती है। इसे लेकर जेनिक विधिक सहायता केन्द्र के सदस्य अभय जैन ने अपनी टीम के साथ अधिकारीयों के पास पहुंचकर अधिकारीयों की टेविल पर संडास,मलमूत्र और सीवर का मलवा पेश किया।
सदस्यों का कहना है कि किसी भी सफाईकर्मी से मैला उठवाना दंडनीय अपराध है। यह अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम , 1989 की धारा 2(j) के अंतर्गत दंडनीय है। आजतक एक भी FIR नहीं हुयी है, जबकि शिवपुरी में रोज किसी न किसी को संडास साफ़ करते देखते हैं।
यही नहीं, हाथ से मैला उठाने वाले सफाईकर्मियों का प्रतिषेध एवं नियोजन अधिनियम, 2013 में इन सभी सफाईकर्मियों के सर्वे और पुनर्वास के लिए प्रावधान है लेकिन शिवपुरी में आज तक कोई सर्वे नहीं किया गया न ही किसी सफाईकर्मी का पुनर्वास हुआ है।
19 सितम्बर 2019 को शिवपुरी में हुई मानवधिकार आयोग की बैठक में शिकायत दर्ज करायी थी जिसमे आयोग के निर्देशानुसार 15 दिन के अंदर कलेक्टर द्वारा रिपोर्ट पेश की जानी थी और एक कॉपी आवेदक को भी देनी थी। आज दिनांक तक कोई भी रिपोर्ट नहीं बनायीं गयी है। जिसका शिकायत क्रमांक 201906412 है जो वर्ष 2019 में की गई थी।
दूसरी तरफ, शहर में पुराना सीवर लाइन PHE विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। राष्ट्रीय सफाईकर्मचारी आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सीवर मृत्यु शिवपुरी में हुयी है। वर्ष 2014 में दो सफाईकर्मी एवं वर्ष 2016 में दो और की सीवर में दम घुटने से मृत्यु हुयी। RTI के जवाब अनुसार, PHE विभाग द्वारा वर्ष 2013 से आजतक सीवर की सफाई करने वाले कर्मचारियों को कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए हैं।
इनका कहना है
हम नगर पालिका एवं PHE को निर्देशित कर इस पर दो सप्ताह में कार्यवाही करेंगे एवं किसी से भी हाथ से मैला नहीं उठवाया जायेगा और सीवर में काम कर रहे कर्मचारियों को सुरक्षा सामग्री दी जाए।
एचपी वर्मा, CEO जिला पंचायत
अगर दो सप्ताह में रिपोर्ट नहीं बनायीं गयी और सफाईकर्मी को मैला उठाना पड़ा फिर हम 50 संडास के सैंपल जनसुनवाई में पेश करेंगे
अभय जैन, जेनिथ विधिक सहायता केंद्र