शिवपुरी। शहर के देहात थाना क्षेत्र के अहीर मोहल्ला में बुधवार को एक युवती ने अपने मंगेतर को ठुकराकर प्रेमी का चुनाव कर उसके साथ विवाह कर लिया और बाद में विवाह को कानूनी रूप देने के लिए नोटरी के समक्ष उन्होंने शपथ पत्र संपादित किया और एक दूसरे को माला पहनाई। विवाह से पूर्व युवती और उसके मंगेतर के परिवार का प्रेमी के परिवार के बीच विवाद चला जिस पर युवती ने स्वयंवर रचाकर पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
जानकारी के अनुसार अहीर मोहल्ला निवासी रश्मि जोशी और उसके घर के सामने रहने वाले लोकेश जोशी के बीच काफी लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसकी जानकारी युवती के परिजनों को लगी तो उन्होंने उसकी सगाई राजस्थान के केलवाड़ा निवासी मनीष जोशी के साथ तय कर दी थी और देवोत्थान एकादशी पर दोनों के विवाह की तारीख भी तय हो गई।
लेकिन रश्मि विवाह के लिए राजी नहीं थी और उसने यह बात अपने पे्रेमी लोकेश जोशी को बताई। युवती के परिजनों का आरोप है कि लोकेश ने उनकी पुत्री और उसके कुछ फोटो व दोनों के बीच संबंधों की जानकारी मनीष तक पहुंचा दी। जिस पर मनीष के परिवारजन शिवपुरी आ गए। जहां दोनों पक्षों में काफी बहस हुई।
बाद में पंचायत बुलाई गई और लोकेश को समझाने का प्रयास किया गया जब लोकेश नहीं माना तो लोकेश के परिवारजनों से भी उनका विवाद हुआ। इस दौरान परिजनों ने रश्मि को भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह अपने प्रेमी को छोडऩे के लिए तैयार नहीं थी। बाद में निर्णय हुआ कि लोकेश व मनीष को देवताओं के चबूतरे के सामने खड़ा कर दिया जाए और रश्मि जिसे भी माला पहनाएगी वही उसका पति होगा।
इस तरह रश्मि का स्वंयवर रचाया गया और दोनों को चबूतरे पर खड़ा किया गया। जहां रश्मि ने अपने प्रेमी लोकेश जोशी को माला पहनाने आगे बढ़ी तो परिवार वालों ने उसे पकड़ लिया और कमरे में बंद कर दिया इसके बाद लोकेश के कुछ समर्थक, मित्र व मां पहुंच गई जिनके बीच काफी कहासुनी हुई। बाद में रश्मि को बाहर बुलाया गया इसके बाद रश्मि ने लोकेश को माला पहनाकर अपना जीवन साथी चुन लिया।
जानकारी के अनुसार अहीर मोहल्ला निवासी रश्मि जोशी और उसके घर के सामने रहने वाले लोकेश जोशी के बीच काफी लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसकी जानकारी युवती के परिजनों को लगी तो उन्होंने उसकी सगाई राजस्थान के केलवाड़ा निवासी मनीष जोशी के साथ तय कर दी थी और देवोत्थान एकादशी पर दोनों के विवाह की तारीख भी तय हो गई।
लेकिन रश्मि विवाह के लिए राजी नहीं थी और उसने यह बात अपने पे्रेमी लोकेश जोशी को बताई। युवती के परिजनों का आरोप है कि लोकेश ने उनकी पुत्री और उसके कुछ फोटो व दोनों के बीच संबंधों की जानकारी मनीष तक पहुंचा दी। जिस पर मनीष के परिवारजन शिवपुरी आ गए। जहां दोनों पक्षों में काफी बहस हुई।
बाद में पंचायत बुलाई गई और लोकेश को समझाने का प्रयास किया गया जब लोकेश नहीं माना तो लोकेश के परिवारजनों से भी उनका विवाद हुआ। इस दौरान परिजनों ने रश्मि को भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह अपने प्रेमी को छोडऩे के लिए तैयार नहीं थी। बाद में निर्णय हुआ कि लोकेश व मनीष को देवताओं के चबूतरे के सामने खड़ा कर दिया जाए और रश्मि जिसे भी माला पहनाएगी वही उसका पति होगा।
इस तरह रश्मि का स्वंयवर रचाया गया और दोनों को चबूतरे पर खड़ा किया गया। जहां रश्मि ने अपने प्रेमी लोकेश जोशी को माला पहनाने आगे बढ़ी तो परिवार वालों ने उसे पकड़ लिया और कमरे में बंद कर दिया इसके बाद लोकेश के कुछ समर्थक, मित्र व मां पहुंच गई जिनके बीच काफी कहासुनी हुई। बाद में रश्मि को बाहर बुलाया गया इसके बाद रश्मि ने लोकेश को माला पहनाकर अपना जीवन साथी चुन लिया।