खनियांधाना। सरकार ने ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अलग से ऑडिट टीम खड़ी कर दी है। पंचायतों के कामों के लिए हर पंचायत में अलग से एक-एक कर्मचारी नियुक्त किया जा रहा है। इसी के तहत खनियाधाना जनपद की ग्राम पंचायतों में ऑडिट शुरू होते ही अधूरे कामों के लिए रोजगार सहायकों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
जिससे रोजगार सहायकों के मानदेय से राशि काटी जा रही है। इसी से नाराज होकर राेजगार सहायक शुक्रवार को खनियाधाना जनपद कार्यालय एकजुट होकर पहुंच गए। बाहर बैठकर धरना शुरू कर दिया। कोई ज्ञापन लेने नहीं आया तो जनपद दफ्तर में बाहर से ताला जड़ दिया।
जानकारी के अनुसार आसपास की ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायक शुक्रवार की दोपहर जनपद मुख्यालय खनियाधाना आ गए। यहां जनपद दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ज्ञापन लेने कोई नहीं आया तो धरने पर बैठ गए। फिर जनपद कार्यालय में बाहर से ताला जड़ दिया।
करीब दो घंटे तक चले इस घटनाक्रम के दौरान जनपद सीईओ बाहर आए और रोजगार सहायकों का ज्ञापन ले लिया। रोजगार सहायकों का कहना है कि संबल के भौतिक और ऑनलाइन दोनों प्रकार के कार्य हमसे कराए जा रहे हैं। जबकि भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी अन्य कर्मचारियों की है।
नरेगा में केवल रोजगार सहायक को ही जिम्मेदार मानकर मानदेय में कटौती करके प्रधानमंत्री योजना में भी केवल रोजगार सहायक पर ही दबाब बनाया जा रहा है। सभी प्रकार के कार्योंं के लिए रोजगार सहायकों को ही नोटिस निकालकर कार्रवाई की जा रही है। ग्राम पंचायत द्वारा नेट रिचार्ज का भुगतान नहीं किया जाता।