पीजी कॉलेज में खेल सामग्री खरीदी घोटाला, प्रभारी प्राचार्य पर गड़बड़ी का आरोप | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी के शासकीय माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति के माध्यम से रखे जाने वाले अतिथि विद्वान की भर्ती में हुई गड़बड़ी के बाद अब यहां पर लाखों रुपए की खेल सामग्री व अन्य सामान खरीदी में नियमों को ताक पर रखा गया है। बजट ठिकाने लगाने के लिए हुई इस खरीदी में प्रभारी प्राचार्य सहित अन्य कर्मचारियों पर यहां उंगलियां उठ रही हैं।

इसकी निष्पक्षता से जांच होती है तो कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं। पिछले दो सालों में केवल कागजी तौर पर बिल लगाकर खरीदी हुई और सामान खरीदा ही नहीं गया है। ऐसे में अब उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को लिखित शिकायत हुई है कि पिछले दो सालों में इस कॉलेज में जो सामग्री खरीदी गई है उसकी निष्पक्ष जांच हो।

प्रभारी प्राचार्य पर गिर सकती है गाज

इस समय पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य महेंद्र जाटव विवादों में है। इन्हेंं नियमों में ताक पर रख प्राचार्य के पद पर प्रभारी बतौर रखा गया है। महेंद्र जाटव के पास लॉ कॉलेज का भी प्रभार है। उच्च अधिकारियों को गुमराह कर इन्हें चार्ज दिया गया है। कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को भी गुमराह किया गया है। ऐसे में यहां पर पिछले दो सालों में की गई लाखों रुपए की खेल सामग्री व अन्य सामान की खरीदी जांच की जद में है।

चार्ज सौंपना भी विवादों में 

पीजी कॉलेज में महेंद्र जाटव को प्रभारी बतौर चार्ज देने का मामला भी विवादों में है और कुछ कांग्रेस नेताओं ने इसकी शिकायत पिछले दिनों प्रभारी मंत्री प्रद्युम्मन सिंह तोमर से भी की थी लेकिन मामला उस समय ठंडा पड़ गया। बताया जाता है कि इस कॉलेज में दूसरे कई वरिष्ठ प्रोफेसरों की सीनियरटी को दरकिनार कर महेंद्र जाटव को चार्ज सौंप दिया गया है।

चहेतों को बना दिया अतिथि विद्वानों

पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य महेंद्र जाटव इस समय विवादों में हैं। यहां पर नियमों को ताक पर रख अपने चहेते सात लोगों को तो अतिथि विद्वान के पद पर ज्चाईनिंग करा दी गई लेकिन जिन लोगों से प्राचार्य की बनती नहीं उन्हें ज्वाईनिंग देने में आनाकानी की गई। जबकि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश थे कि पूर्व से जो लोग पदस्थ रहे हैं उन्हें उच्च न्यायालय के आदेश और मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 553/1275/548 दिनांक 2-7-19 के तहत सभी 12 लोगों को ज्वाईनिंग देनी थी लेकिन इन आदेशों की प्राचार्य ने अवहेलना की और मनमाने ढंग से 12 में से केवल 7 लोगों को ही कॉलेज में ज्वाईनिंग दी। इस मामले में प्रभारी प्राचार्य की शिकायत कलेक्टर सहित उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त से हो चुकी है।
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