गली गली में कुकुरमुत्तों की तरह खुले कोचिंग संस्थान, जिम्मेदार मौन | KOLARAS, SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
कोलारस। कोलारस नगर में कई स्थानों पर किराए की दुकानों कमरों में कोचिंग सेंटर और ट्यूशन का कारोबार चरम पर है यहां आने वाले छात्रों से हर माह हजारों रुपये की फीस वसूली जाती है लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए मापदंड तक यहां अपनाए नहीं जाते हैं एक कमरे में 50 के करीब बच्चों को बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है, लेकिन इनमें ना तो पर्याप्त रोशनी है और ना ही पर्याप्त हवा इसके बावजूद भी कोचिंग सेंटर कोलारस में चल रहे हैं कोचिंग सेंटरों में आने वाले छात्र-छात्राओं को पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है, और आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र या फायर इक्विपमेंट होनी चाहिए लेकिन यहां किसी तरह की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जाता है।

कोलारस में गायत्री कॉलोनी, स्टेशन रोड, लोधी मोहल्ला, कॉलेज रोड,  मानीपूरा, कोट रोड, जगतपुर चौराहा सहित हनुमान मंदिर के पीछे किराए की दुकानों किराए के कमरों में कोचिंग सेंटरों का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। कोलारस नगर में एक भी कोचिंग सेंटर पर पार्किंग की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं है। कोलारस नगर में 2 दर्जन से अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं जिनका ना तो रजिस्ट्रेशन है और ना ही अनुमति और सुविधाएं तो नाम मात्र की भी मौजूद नहीं है।

इसके बावजूद भी किसकी मेहरबानी के चलते यह कोचिंग सेंटर बेधडक़ होकर कोलारस नगर में संचालित हो रहे हैं और अफसोस बारी बात तो यह है कि कोलारस में संचालित कोचिंग सेंटरों पर छात्र छात्रा एक साथ ही बैठाऐं जा रहे हैं अधिकांश कोचिंग सेंटरों के आसपास अवारालडको की भीड़ भी दिखाई देती है यदि कभी कोई हादसा हो जाए तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता फिर जिम्मेदारी किसकी होगी कोचिंग संचालक की या फिर प्रशासन की यह एक सोचनीय पहलू है

गुजरात के सूरत शहर की कोचिंग सेंटर में हुई घटना से नहीं लिया सबक

गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में हुई घटना से सभी कोचिंग व विद्यालय संचालकों को सबक लेना चाहिए क्योंकि छात्र-छात्राओं को सुरक्षित वातावरण मुहैया कराना कोचिंग संस्थान का दायित्व है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए इसमें कोई लापरवाही ना दिखाई जाए हर  संस्थान में अग्निशमन यंत्र शुद्ध पेयजल हवा प्रकाश एवं बालक बालिकाओं के लिए अलग से शौचालय होना अनिवार्य है कोचिंग सेंटरों बा प्राइवेट विद्यालय संस्थानों में बच्चों के लिए मौजूद मूलभूत सुविधाओं और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

जब गुजरात के सूरत शहर में घटना घटी थी तब जरूर पूरे मध्यप्रदेश में कोचिंग संस्थानों पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए गए परंतु बात गई रात गई की तर्ज पर फिर से कोचिंग संस्थान संचालक छात्र-छात्राओं का शोषण करने में जुटे हुए हैं और उन्हें तो बस पैसों की चिंता है छात्राओं की नहीं कोलारस के आला अधिकारियों सहित शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को कोलारस नगर में संचालित कोचिंग सेंटरों पर जाकर निरीक्षण करना चाहिए और नोटिस जारी करना चाहिए।

बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे कोचिंग संस्थान

कोलारस नगर में नियम विरुद्ध कोचिंग सेंटर चल रहे है कोचिंग संचालकों के पास ना तो श्रम विभाग का रजिस्ट्रेशन है और ना ही छात्रछात्राओ की सुरक्षा के कोई इंतजाम अधिकांश  कोचिंग सेंटर तो किराए की दुकानों कमरों में चल रहे हैं यहां पर जितने भी कोचिंग सेंटर संचालित हैं वह छात्रों से मोटी फीस वसूल रहे हैं अधिकांश कोचिंग सेंटर मे तो बिना अनुभव के ही कोचिंग शिक्षक पढ़ा रहे हैं इन पर अधिक योग्यता तक मौजूद नहीं है यहां पर नौकरी की तैयारियों को लेकर भी कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं जो बेरोजगार युवकों को खुलेआम ठगने का कार्य कर रहे हैं।

इनका कहना है।

किसी भी हालत में सुरक्षा मानक अधूरे होने वाअसुरक्षित स्थलों पर कोचिंग का संचालन नहीं किया जाए सुरक्षा मानकों को पूरा ना करना सेवा में कमी का परिचायक है उन्होंने कहा कि सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है कोचिंग सेंटर व संस्थानों में टीम सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेगी अगर बच्चों की सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही उजागर हुई तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राघवेंद्र शर्मा, बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष