स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही: खून की कमी से तड़प-तड़प कर मर गई गर्भवती महिला, गर्भस्थ शिशु की भी मौत | KOLARAS NEWS

Bhopal Samachar
कोलारस। कोलारस ब्लॉक के किशनपुरा गांव की गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की जिला अस्पताल में मौत हो गई है। जच्चा-बच्चा की मौत का कारण उनके परिजन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बता रहे हैं। प्रसूता का एमसीपी कार्ड (मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्ड) तो बना दिया, लेकिन समय पर जरूरी जांचें और चैकअप कराने की किसी ने सुध नहीं ली।

खून की कमी की वजह से प्रसूता ने रविवार की दोपहर तड़प-तपड़कर दम तोड़ दिया। जबकि मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद जिले में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की जान चली गई है।

किशनपुरा निवासी कलावती उर्फ कला (28) पत्नी परमाल आदिवासी को सामुदायिक अस्पताल बदरवास से जिला अस्पताल शिवपुरी रेफर किया गया। प्रसूता झटके ले रही थी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर ने परीक्षण कर कलावती को मृत घोषित कर दिया। शाम 4 बजे के महिला का पीएम किया गया। इसके शव परिजनों को सौंप दिया जो घर लेकर रवाना हो गए।

पोस्ट मार्टम के इंतजार में भटकते रहे परिजन

प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर ने पीएम करने से इनकार कर दिया। ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि महिला डॉक्टर ही पीएम करती है, वह सिर्फ खड़े रहकर सहयोग कर सकते हैं। बात सिविल सर्जन तक पहुंची। सिविल सर्जन डॉ पीके खरे के हस्ताक्षेप के बाद शाम 4 बजे के बाद मृतक प्रसूता का पीएम किया जा सका।

बदरवास में झटके आ रहे थे, जांच में 6 ग्राम निकला खून

किशनपुरा गांव में गर्भवती की हालत बिगड़ने पर किसी ने 108 पर फोन कर दिया था। एंबुलेंस में कलावती के साथ गांव की ही एक महिला साथ आई थी। एंबुलेंस 10.20 बजे अस्पताल आई। कार्ड देखा तो स्टाफ ने बीएमओ डॉ कश्यप को फोन पर सूचना दी। बीएमओ ने जांच की तो मात्र 6 ग्राम खून पाया।

जबकि प्रसव के लिए कम से कम 8 ग्राम खून होना चाहिए। बदरवास में खून चढ़ाने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए तुरंत जिला अस्पताल शिवपुरी रेफर कर दिया। डॉक्टर ने 108 पर फोन किया और 20 मिनट बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। इसलिए अस्पताल की एंबुलेंस से प्रसूता को रवाना किया। साथ में स्टाफ को भी एंबुलेंस में भेजा।

सिर्फ कार्ड बनाकर थमाया, चेकअप व टीकाकरण नहीं हुआ

परिजन गर्भवती महिला का कार्ड भी साथ लाए थे। कार्ड में नाम, पता आदि दर्ज करके प्रसूता का चेकअप करने कोई नहीं आया। प्रसूता के टीकाकरण आदि का जिक्र भी कार्ड में नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी उक्त कार्ड में प्रसूता के गर्भधारण से लेकर प्रसव और नवजात के टीकाकरण का भी रिकार्ड रहता है। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि ANM, आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उस पर ध्यान नहीं दिया।

गर्भवती महिला का टीकाकरण और जांच नही हुई

108 एंबुलेंस से प्रसूता को बदरवास अस्पताल लाया गया था। कार्ड देखा तो उसमें चैकअप व टीकाकरण नहीं था। जांच करने पर 6 ग्राम ही खून निकला। महिला झटके खा रही थी, तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। प्रसूता कोलारस ब्लॉक के गांव की रहने वाली है। डॉ. सुधीर कश्यप, बीएमओ बदरवास

किशनपुरा क्षेत्र से शिकायतें भी मिल रहीं थीं, जांच कराएंगे

जच्चा-बच्चा का चैकअप नहीं हुआ है तो यह गंभीर मामला है। किशनपुरा क्षेत्र से शिकायतें भी मिल रहीं थीं कि एनएम, आशा और सहयोगिनी ठीक से काम नहीं कर रहीं। जांच कराकर कार्रवाई कराएंगे। डॉ. अल्का त्रिवेदी, BMO कोलारस 
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