शिवपुरी। माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय द्वारा सेवा में कमी पाए जाने पर सहारा इंडिया को उपभोक्ता के देय प्रीमियम की राशि का भुगतान करना होगा और जिसमें उपभोक्ता के द्वारा 2 लाख 32 हजार 600 रूपये की राशि प्राप्त करने के लिए माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया जहां आवेदन की ओर से पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक अशोक अग्रवाल द्वारा की गई जबकि अनावेदक सहारा इंडिया की ओर से पैरवी राजीव शर्मा द्वारा की गई।
विवरण के अनुसार आवेदक हेमंत अग्रवाल पुत्र स्व.महेश प्रसाद अग्रवाल निवासी कष्टमगेट शिवपुरी ने सहारा इंडिया कार्यालय द्वारा शाखा प्रबंधक हाजी सन्नू मार्केट से 11 पॉलिसियां दिनांक 07.05.17 को परिपक्व हुई जमा राशि 2 लाख 32 हजार 600 रूपये एवं उक्त राशि पर परिपक्वता दिनांक से अदायगी दिनांक तक ब्याज एवं मानसिक पीड़ा और दावा खर्च हेतु 60 हजार रूपये दिलाने हेतु परिवाद धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1966 के तहत अपने अभिभाषक एड.अशोक अग्रवाल द्वारा दायर किया गया था।
जिसमें निर्धारित 45 दिन की अवधि के अंदर अनावेदक सहारा इंडिया की ओर से परिवाद का जबाब पेश नहीं किया गया तो मामला माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय पहुंचा। जिसमें सहारा इंडिया ने यह स्वीकार किया कि आवेदन हेमंत अग्रवाल ने सहारा ए सिलेक्ट योजना के अंतर्गत स्कीम में अलग-अलग मद में कुल दो लाख रूपये जमा कराए थे।
इस पर पूरे मामले के विचारण उपरांत माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य राजीवकृष्ण शर्मा द्वारा पाया गया कि आवेदक हेमंत अग्रवाल द्वारा 17-17 हजार रूपये की दस पॉलिसियां और 15-15 हजार रूपये की दो पॉलिसियां प्राप्त की थी जिसकी परिपक्वता की कुल राशि 2 लाख 32हजार 600 रूपये है वहीं अनावेदक सहारा इंडिया की ओर से तर्क के रूप में स्वीकार किया गया कि सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवाल को परिपक्वता राशि भुगतान करने के लिए तैयार थे और हैं लेकिन स्वयं आवेदक हेमंत अग्रवाल ने मूल पॉलिसियां निर्धारित आवेदन के साथ अनावेदक सहारा इंडिया के कार्यालय में जमा नहीं की थी इस कारण उसे भुगतान नहीं हुआ है।
सहारा इंडिया की ओर से कहना है कि आवेदक हेमंत अग्रवाल को परिपक्वता दिनांक के बाद परिपक्वता राशि पर कोई ब्याज देय नहीं होगा लेकिन हम (माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय) अनावेदक सहारा इंडिया के इस तर्क से सहमत नहीं है क्योंकि आवेदक हेमंत अग्रवाल ने जमा राशि के संबंध में 12 प्रकरण पत्रों की प्रतियां पेश की है। प्रस्तुत पॉलिसियां/प्रमाण पत्रों से प्रकट है कि उक्त संपूर्ण राशियों की परिपक्वता तिथि 7.5.2017 है और संपूर्ण राशि आज तक आवेदक को भुगतान नहीं की गई है और ऐसे में अनावेदक सहारा इंडिया आवेदक की राशि का उपयोग कर रहे है।
ऐसी स्थिति में आवेदक हेमंत अग्रवाल की परिपक्वता राशि 2 लाख 32 हजार 600 रूपये पर परिपक्वता दिनांक 7.5.17 से भुगतान प्राप्त होने की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने का भी अधिकारी पाया जा रहा है और अनावेदक सहारा इंडिया को निर्देशित किया जाता है कि आवेदक हेमंत अग्रवाल 15 दिवस के भीतर मूल प्रमाण पत्र अनावेदक सहारा इंडिया के कार्यालय पर निर्धारित फार्म के साथ जमा करें।
सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवाल द्वारा दस्तावेज जमा करने की दिनांक से दो माह के अंदर आवेदक को 2 लाख 32 हजार 600 रूपये अदा करें एवं सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवल को परिपक्वता दिनांक 7.5.17 से उपरोक्त राशि पर भुगतान दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करें एवं प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगें।
विवरण के अनुसार आवेदक हेमंत अग्रवाल पुत्र स्व.महेश प्रसाद अग्रवाल निवासी कष्टमगेट शिवपुरी ने सहारा इंडिया कार्यालय द्वारा शाखा प्रबंधक हाजी सन्नू मार्केट से 11 पॉलिसियां दिनांक 07.05.17 को परिपक्व हुई जमा राशि 2 लाख 32 हजार 600 रूपये एवं उक्त राशि पर परिपक्वता दिनांक से अदायगी दिनांक तक ब्याज एवं मानसिक पीड़ा और दावा खर्च हेतु 60 हजार रूपये दिलाने हेतु परिवाद धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1966 के तहत अपने अभिभाषक एड.अशोक अग्रवाल द्वारा दायर किया गया था।
जिसमें निर्धारित 45 दिन की अवधि के अंदर अनावेदक सहारा इंडिया की ओर से परिवाद का जबाब पेश नहीं किया गया तो मामला माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय पहुंचा। जिसमें सहारा इंडिया ने यह स्वीकार किया कि आवेदन हेमंत अग्रवाल ने सहारा ए सिलेक्ट योजना के अंतर्गत स्कीम में अलग-अलग मद में कुल दो लाख रूपये जमा कराए थे।
इस पर पूरे मामले के विचारण उपरांत माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य राजीवकृष्ण शर्मा द्वारा पाया गया कि आवेदक हेमंत अग्रवाल द्वारा 17-17 हजार रूपये की दस पॉलिसियां और 15-15 हजार रूपये की दो पॉलिसियां प्राप्त की थी जिसकी परिपक्वता की कुल राशि 2 लाख 32हजार 600 रूपये है वहीं अनावेदक सहारा इंडिया की ओर से तर्क के रूप में स्वीकार किया गया कि सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवाल को परिपक्वता राशि भुगतान करने के लिए तैयार थे और हैं लेकिन स्वयं आवेदक हेमंत अग्रवाल ने मूल पॉलिसियां निर्धारित आवेदन के साथ अनावेदक सहारा इंडिया के कार्यालय में जमा नहीं की थी इस कारण उसे भुगतान नहीं हुआ है।
सहारा इंडिया की ओर से कहना है कि आवेदक हेमंत अग्रवाल को परिपक्वता दिनांक के बाद परिपक्वता राशि पर कोई ब्याज देय नहीं होगा लेकिन हम (माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय) अनावेदक सहारा इंडिया के इस तर्क से सहमत नहीं है क्योंकि आवेदक हेमंत अग्रवाल ने जमा राशि के संबंध में 12 प्रकरण पत्रों की प्रतियां पेश की है। प्रस्तुत पॉलिसियां/प्रमाण पत्रों से प्रकट है कि उक्त संपूर्ण राशियों की परिपक्वता तिथि 7.5.2017 है और संपूर्ण राशि आज तक आवेदक को भुगतान नहीं की गई है और ऐसे में अनावेदक सहारा इंडिया आवेदक की राशि का उपयोग कर रहे है।
ऐसी स्थिति में आवेदक हेमंत अग्रवाल की परिपक्वता राशि 2 लाख 32 हजार 600 रूपये पर परिपक्वता दिनांक 7.5.17 से भुगतान प्राप्त होने की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने का भी अधिकारी पाया जा रहा है और अनावेदक सहारा इंडिया को निर्देशित किया जाता है कि आवेदक हेमंत अग्रवाल 15 दिवस के भीतर मूल प्रमाण पत्र अनावेदक सहारा इंडिया के कार्यालय पर निर्धारित फार्म के साथ जमा करें।
सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवाल द्वारा दस्तावेज जमा करने की दिनांक से दो माह के अंदर आवेदक को 2 लाख 32 हजार 600 रूपये अदा करें एवं सहारा इंडिया आवेदक हेमंत अग्रवल को परिपक्वता दिनांक 7.5.17 से उपरोक्त राशि पर भुगतान दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करें एवं प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगें।
