कोलारस। केंद्र सरकार जहां बैंकों का लाभ आम लोगों को मिल सके इसके चलते वह अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं बनाकर बैंकों में भेज रही है परंतु कोलारस में संचालित राष्ट्रीय कृत बैंकों में पदस्थ आला अधिकारियो कर्मचारियों चपरासियों के द्वारा आम उपभोक्ताओं से अच्छा व्यवहार ना करने के चलते उपभोक्ता या तो अपना खाता बंद करवा रहे हैं या फिर बैंक के आला अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं और अधिकारियों के मुंह लगे होने के चलते अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते मामला यह है कीकोलारस में झिरियन सरकार मंदिर के सामने स्थित केनरा बैंक के अनेक खाता धारी उपभोक्ताओं ने अपने खाते बंद करवा लिए हैं।
इसका कारण यह है कि इस बैंक में पदस्थ चपरासी के द्वारा उपभोक्ताओं से गलत व्यवहार किया जा रहा है इसके द्वारा अपने परिचितों को लोन तक बैंकों में दिलाए गए हैं इसकी मनमानी इस कदर चल रही है कि बैंक मैनेजर से जब यह किसी उपभोक्ता के काम की मना कर देता है तो वह काम उसका नहीं होता है बैंक के ही अनेक कर्मचारी इससे परेशान हैं यह कोलारस नगर में खुलकर दलाली करता है और लोगों को लोन देने सहित अनेक योजनाओं का लाभ दिलाने का वादा करता है और रुपया लेकर उनकेलोन स्वीकृत करा चुका है और बैंक का अधिकारी यह अपने आप को ही समझता है।
बीते रोज इसके द्वारा एक सेल्समैन सेगलतभाषा का उपयोग किया गया इसके चलते उक्त सेल्समैनद्वारा अपना खाता ही बंद करा दिया गयाकुल मिला कर यह चपरासी खुलकर केनरा बैंक में दलालीकरता है जिसके चलते अनेक उपभोक्ताओं से गलत व्यवहारतक इसके द्वारा किया गया है और उन उपभोक्ताओं ने अपने खाते बंद करवा लिए हैं एक कर्मचारी की वजह से बैंक को नुकसान उठाना पड़ रहा हैबैंक में पदस्थ आला अधिकारियों को इस चपरासी के द्वारा लोगों से किए जा रहे गलत व्यवहारपर अंकुश लगवाना चाहिए जिससे बैंक का नाम खराब ना हो और लोगों का विश्वास बैंक से ना उठे और बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों को उपभोक्ताओं कोशासन की सभी योजनाओं की जानकारी भी देना चाहिए
केनरा बैंक मैं स्वीकृत कराए गए लोन केसीसी की जांच कराई जाए तो फर्जीवाड़ा आसकता है सामने केनरा बैंक कोलारस शाखा मैं स्वीकृत कराए गए लोन केसीसी कि यदि बारीकी से जांच कराई जाए तो फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ सकता है क्योंकि यहां पर पहले पदस्थ रहे जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है आला अधिकारियों के खास लोगों को अन्य लोगों के कागजात से लोन तक स्वीकृत कराए गए हैं और केसीसी मैं भी यहां पर फर्जीवाड़ा किया गया है बैंक के आला अधिकारी यदि हो चुके लोन केसीसी की जांच बारीकी से करें तो फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आ सकता है।
