नियमों को ताक पर रखकर शासकीय आवासों पर हो रहा है कब्जा, प्रशासन की चुप्पी समझ से परे | KOLARAS, SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
कोलारस। जिले के कोलारस नगर मे नियमो का उलंघन मानो आम बात हो गई हो बात की जाए कोलारस के जगतपुर में सदियों पुराने शासकीय आवास बने हुए हैं। इन शासकीय आवासों में कहीं नेता तो कहीं सचिव तो कहीं कर्मचारियों के रिश्तेदार और शासकीय कार्यालयों के चपरासी तक निवासरत है और किन नियमों के तहत उनको यह आवास प्रदान किए गए यह पूरा जांच का विषय है।

यह शासकीय आवास जगह जगह से चटक गए हैं और बारिश में इनकी छतोमें से पानी नीचे टपकता है परंतु किराया बचाने के चक्कर में अधिकांश लोग इन में निवासरत हैं इन शासकीय आवासों की हकीकत तक जाकर तहकीकात की जाए तो फर्जीवाड़ा निकल कर सबके सामने आ सकता है। अधिकांश कर्मचारी जो कि रिटायर हो चुके हैं परंतु अभी भी वह निवास इन आवासों में कर रहे हैं इसी तरह  चपरासी तक इन क्वार्टरों में निवासरत हैं।

इसी तरह पंचायत सचिवों से लेकर नेता लोग इन आवासोंमें निवासरत हैं अधिकांश कर्मचारी अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं परंतु कोलारसके जगतपुर में स्थित शासकीय आवासों में अंगद की तरह अपना पांव पसार कर बैठे हुए और सबसे बड़ी बात तो यह है कि अधिकांश ऐसे कर्मचारी निवास कर रहे हैं जिनके नाम शासकीय आवास नहीं है और दूसरे के नाम यह आवास है। परंतु फिर भी  इनमें निवास कर रहे हैं।

इसी तरह अनेक कर्मचारियों के कोलारस में ही आलीशान मकान मौजूद परंतु वे अपने मकानों को किराए पर लगा कर खुद शासकीय आवास में निवासरत है जो कि नियमों के विरुद्ध है। यदि कोलारस के जगतपुर में स्थित शासकीय आवासों में निवासरत कर्मचारियों और शासकीय आवास किन किन के नाम है पूरी जांच की जाए तो फर्जीवाड़ा निकल कर आ सकता है। जबकि अधिकांश ऐसे कर्मचारी भी निवासरत हैं जो किराए के मकान में रह रहे हैं परंतु उन्हें शासकीय आवास नहीं मिला और वह वंचित हैं कोलारस के पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन यह शासकीय आवास है।

परंतु पीडब्लूडी विभाग बजट का रोना रोकर इन आवासों की ओर ध्यान नहीं देती जिसके चलते इन आवासों में रहने वाले कर्मचारी परेशान हैं और वह खुद ही अपने पैसों से इन आवासकी मरम्मत कर वातेहैं सोचने वाली बात तो यह है कि इन शासकीय आवासों में नेताओं से लेकर पंचायत सचिव यहां तक की संविदा शिक्षक और चपरासी तक निवासरत है और इनको किन नियमों के तहत यह शासकीय आवास दिए गए हैं यह बताने वाला कोई भी दिखाई नहीं दे रहा है यदि इन शासकीय आवासो में रह रहे कर्मचारियों की जांच कराई जाए तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ सकता है। 
G-W2F7VGPV5M