शिवपुरी। कछुआ चाल का भी रिर्काड तोड चुकी सिंध जलावर्धन योजना के आखिर चरण की शुरूवात के लिए अभी शहर को 15 दिन का इंतजार करना होंगा। नपा शिवपुरी की परिषद की बैठक में शहर में अमृत योजना के तहत बिछाई जा रही वितरण लाइन से नल कनेक्शन देने के लिए घरों में नल कनेक्शन देने का पहला बिंदु जैसे ही सीएमओ केके पटेरिया ने रखा, पार्षद अधूरे काम को लेकर भड़क उठे।
पानी की नई टंकियों से एक भी जगह पानी नहीं मिल पा रहा। पुरानी टंकियों से भी नई वितरण लाइन नहीं जोड़ी जा सकी है। पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी जा रही सड़कों को लेकर पार्षद अपनी नाराजगी जताने लगे। हंगामे के बीच नल कनेक्शन का प्रस्ताव परिषद की बैठक में पास हो गया है।
प्रस्ताव के मुताबिक, करीब 28 हजार नल कनेक्शन देने के लिए शहर को चार हिस्सों में बांट दिया गया है। चाराें भागों की अलग-अलग निविदा आमंत्रित की जाएगी। सीएमओ केके पटेरिया ने कहा कि 15 दिन में निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 45 से 50 फीसदी लाइन बिछाई जा चुकी है, उससे नल कनेक्शन दिए जाएंगे। जहां वितरण लाइन बिछना रह गई है, वहां लाइन बिछाने के साथ-साथ नल कनेक्शन देने का काम किया जाएगा।
बैठक में अधिकतर पार्षदों ने अपने वार्ड में अभी तक नई सप्लाई लाइन नहीं बिछने पर नाराजगी जताई। उपाध्यक्ष अनिल शर्मा, भाजपा पार्षद भानु दुबे, डॉ. विजय खन्ना, रेखा गब्बर परिहार आदि ने नगर पालिका अधिकारियों से पूछा कि सप्लाई कहां कैसी बिछाई जा रही है, इसकी आपके पास क्या प्लानिंग है। इस पर अधिकारी चुप्पी साध गए।
एई सचिन चौहान ने कह दिया कि परिषद जाकर खुद देख आए। यह बात सुनकर उपाध्यक्ष शर्मा ने एई चौहान की जमकर फटकार लगाई। उपाध्यक्ष ने कहा कि तेरे पास कोई प्लान नहीं है। पार्षदों को साथ लेकर काम कराया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। वहीं दूसरे पार्षद भी काम व्यवस्थित नहीं होने से काफी नाराज दिखे।
भाजपा पार्षद हरिओम काका व एक अन्य पार्षद मंच के आगे ही धरने पर बैठ गए। परिषद की बैठक में काम में ही देरी के लिए जिस दोशियान को टर्मिनेट किया था, उसके काम की जांच जल संसाधन और पीएचई विभाग से कराने का प्रस्ताव भी पास किया गया। इस प्रस्ताव के बारे में आगे की कार्रवाई की जानकारी देने के लिए 7 दिन बाद फिर से परिषद बुलाई जाएगी। नगर पालिका परिषद को एक साल बाद जांच कराने की याद आई है।
उपाध्यक्ष बोले- एक साथ भरनी थी नौ टंकियां, संपवेल तक नहीं भर पा रहे
बैठक में दोशियान के घटिया काम के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग रखी गई। साथ ही जहां जरूरत नहीं, वहां वितरण लाइन बिछाने पर भी सवाल उठाए। उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने उंगलियों के इशारे से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शहर में पानी प्रेशर से नहीं आ रहा। एक साथ नौ टंकी भरना चाहिए।
वर्तमान में पानी धकेलकर यहां लाया जा रहा है। एक साथ संपवेल तक नहीं भर पा रहे। उपाध्यक्ष शर्मा व भानु दुबे अमृत योजना के काम में बार-बार प्लानिंग के बारे में कहते रहे। हमें प्लानिंग चाहिए। सीएमओ पटेरिया ने कहा कि वे इंजीनियरों के साथ बैठक करेंगे। किस वार्ड में पाइप लाइन कब तक बिछना है, इसकी समय-सीमा तय करेंगे।
सीएमओ कहा- पहली डीपीआर में नल कनेक्शन शामिल नहीं, इसीलिए आई समस्या
बैठक में सीएमओ पटेरिया ने परिषद को बताया कि शुरुआत में डीपीआर तैयार की, तब नल कनेक्शन को शामिल नहीं किया गया था, जबकि प्रदेश में दूसरी जगह नल कनेक्शन के साथ-साथ मीटर भी लगाए जा रहे हैं।
उसी गलती की वजह से आज नल कनेक्शन के लिए अलग से प्रक्रिया अपनानी पड़ रही है। शिवपुरी में नल कनेक्शन के साथ मीटर नहीं लगाए जाएंगे। इंजीनियर ने बताया कि दोशियान से एक हजार नल कनेक्शन का सामान जब्त किया था, लेकिन 2 व 3 इंच का सामान है और वर्तमान में 4 इंच की पाइप लाइन है। इसलिए सामान उपयोगी नहीं रहा।
प्रति कनेक्शन दर 2815 रु. टेंडर में कम ज्यादा हो सकती है
शहर में यदि व्यक्ति को अपने घर में कनेक्शन लेना है तो 2815 रुपए चुकाने होंगे। नगर पालिका ने सर्वे कराकर खुदाई से लेकर घर के गेट तक पाइप लाइन से कनेक्शन देने के लिए लागत 2815 रुपए निकाली है।
उक्त राशि से ही खोदी गई सड़क को ठीक भी कराना है। हालांकि टेंडर प्रक्रिया में रेट कम या ज्यादा भी हो सकती है। शहर के चार हिस्सों में 7-7 हजार रुपए के मान से 28 हजार कनेक्शन देना है। इस तरह चारों टेंडर करीब 7.88 करोड़ के आसपास रहेंगे।
