शिवपुरी। आजादी के बाद आज तक सरकारो ने आदिवासी उत्थान के लिए सैकडो योजनाए और उनके हक के लिए कानून बनाए हैं, लेकिन आदिवासी समाज की स्थिती वही की वही हैं, लेकिन आदिवासी समाज अब अपनी हक की लडाई और अधिकारो को पहचाना शुरू कर दिया हैं,अब इसी क्रम में आदिवासी महिलाएं अपने हक की लड़ाई के लिए तैयारी कर रही हैं।
आंदोलन के समय कोई समस्या नहीं आए, इसलिए महिलाएं एकता परिषद के सहयोग से घर-घर से अनाज लाकर एकत्रित कर रही हैं। यहां बता दें कि महिलाओं ने अभी तक 10 क्विंटल से अधिक अनाज इकट्ठा कर चुकी हैं।
इस संबंध में एकता परिषद के जिला समन्वय रामप्रसाद शर्मा की मानें बदरवास ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल श्यामपुर गांव की महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर जन सत्यागृह आंदोलन करती हैं, जिसमें इसी अनाज से पुड़ी बनाकर अपने साथ ले जाती हैं या फिर रास्ते में खाना बनाया जाता है। इसके लिए यह अनाज इक्कठा किया जाता है।
धरना प्रदर्शन में बनाकर खा सकेंगी भोजन:
आदिवासी भग्गो बाई आदिवासी, प्रेमला आदिवासी आदि की माने तो अपनी समस्याओं को लेकर एकता परिषद के माध्यम से आयोजित किए जाने वाले जन सत्य ग्रह आंदोलन में संभाग से दिल्ली तक किए जाने वाले आंदोलन के दौरान सामूहिक रूप से भोजन बनाने के लिए दाने-दाने के लिए मोहताज न होना पड़े इसलिए ये अनाज इक्कठा किया जा रहा है।
अभी तक हुआ 10 क्विंटल इक्कठा आनाज: धरने प्रदर्शन के लिए घर-घर से एकत्रित की जा रही गेहूं की फसल को लेकर आदिवासी महिलाओं ने बताया है कि अभी तक अपनी स्वेच्छा से आदिवासी महिलाओं ने 5 से 10 किलो फसल दी है जिससे 10 क्विंटल से अधिक अनाज इक्कठा कर लिया गया है। साथ ही ये क्रम लगातार जारी बना हुआ है।
महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होती रहती हैं
आदिवासी समाज की महिलाएं अपने हक के लिए आंदोलन की तैयारी कर रही हैं। इसकी जानकारी नहीं है। क्योंकि में उनकी पंचायत में नहीं गया हूं, लेकिन यह बात सही है कि वे धरना प्रदर्शनों में शामिल होती रहती हैं। ब्रजेश शर्मा, सचिव ग्राम पंचायत झूलना