शिवपुरी। शिवपुरी शहर के मेडिकल कॉलेज में पिछले 15 दिनों से एक 65 वर्षीय लाचार-अपाहिज बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं बताया जा रहा हैं कि बुजुर्ग व्यक्ति की पत्नी व 4 बेटियां हैं बुजुर्ग के घर में उसके अलावा कोई दूसरा कमाने वाला व्यक्ति नहीं हैं और बीमारी से परेशान बेटियां अपने पिता को अस्पताल के बाहर छोड़कर चली गई, जहां बुजुर्ग का इलाज जारी हैं।
जानकारी के अनुसार धर्मदास बुनकर उम्र 65 साल निवासी बांसखेड़ी गुना ने बताया कि आज से करीब 15 दिन पहले मेरी तबीयत खराब हुई थी,जिसके बाद मेरी 4 बेटियां हिमानी,शिवानी,ज्योति और दीपू व पत्नी कृष्णा मुझसे परेशान होकर मुझे शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज के पास छोड़कर चली गई।
जब से मेरी बेटियां मुझे यहां छोड़कर गई हैं तब वह मुझे देखने तक नहीं आई, ना ही मेरे रिश्तेदारों व किसी को भी नहीं पता की में कहा हूं, सब मुझे लापता समझ रहे हैं,लेकिन मैं यहां शिवपुरी अस्पताल में भर्ती हूं।
वहीं बुजुर्ग ने बताया कि मेरे घर में कोई भी कमाने वाला नहीं हैं मेरी दो बेटियों की शादी हो चुकी हैं वहीं दो बेटियां हैं जो कहीं प्राइवेट नौकरी करके घर का खर्चा चला रही हैं,मैं अपाहिज हूं, इसलिए मेरे बच्चे और मेरी पत्नी ने भी मेरा साथ छोड़ दिया। और यहां अस्पताल में मौजूद लोगों ने मेरे परिजनों से संपर्क किया तो उन लोगों का कहना है कि अभी तो दिवाली का समय चल रहा हैं हम लोग पुताई आदि कामों में व्यस्त हैं।
वहीं अपाहिज बुजुर्ग ने दुखद मन से कहा' कि परिवार वाले तो अभी दीपावली बनायेंगे मुझे लेने नहीं आयेंगे' वह सब लोग मुझे यहां अकेला छोड़कर गये हैं तो मुझे लेने क्यों आयेंगे।
इनका कहना हैं
मुझे सूचना मिली हैं धर्मदास बुनकर जी की अभी तबीयत ठीक नहीं हैं उनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा हैं हम अभी इनकी देखरेख करने के लिए 2 आदमी भेज देंगे जो कि इनकी सुबह शाम,खाने-पीने और कपड़े, उपचार में दवाइयां जो भी लगेंगी इनकी व्यवस्था कर देंगे। जैसे ही इन्हें रिलीव मिलते हैं हम इन्हें अपने आश्रम ले ले आयेंगे।
जानकारी के अनुसार धर्मदास बुनकर उम्र 65 साल निवासी बांसखेड़ी गुना ने बताया कि आज से करीब 15 दिन पहले मेरी तबीयत खराब हुई थी,जिसके बाद मेरी 4 बेटियां हिमानी,शिवानी,ज्योति और दीपू व पत्नी कृष्णा मुझसे परेशान होकर मुझे शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज के पास छोड़कर चली गई।
जब से मेरी बेटियां मुझे यहां छोड़कर गई हैं तब वह मुझे देखने तक नहीं आई, ना ही मेरे रिश्तेदारों व किसी को भी नहीं पता की में कहा हूं, सब मुझे लापता समझ रहे हैं,लेकिन मैं यहां शिवपुरी अस्पताल में भर्ती हूं।
वहीं बुजुर्ग ने बताया कि मेरे घर में कोई भी कमाने वाला नहीं हैं मेरी दो बेटियों की शादी हो चुकी हैं वहीं दो बेटियां हैं जो कहीं प्राइवेट नौकरी करके घर का खर्चा चला रही हैं,मैं अपाहिज हूं, इसलिए मेरे बच्चे और मेरी पत्नी ने भी मेरा साथ छोड़ दिया। और यहां अस्पताल में मौजूद लोगों ने मेरे परिजनों से संपर्क किया तो उन लोगों का कहना है कि अभी तो दिवाली का समय चल रहा हैं हम लोग पुताई आदि कामों में व्यस्त हैं।
वहीं अपाहिज बुजुर्ग ने दुखद मन से कहा' कि परिवार वाले तो अभी दीपावली बनायेंगे मुझे लेने नहीं आयेंगे' वह सब लोग मुझे यहां अकेला छोड़कर गये हैं तो मुझे लेने क्यों आयेंगे।
इनका कहना हैं
मुझे सूचना मिली हैं धर्मदास बुनकर जी की अभी तबीयत ठीक नहीं हैं उनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा हैं हम अभी इनकी देखरेख करने के लिए 2 आदमी भेज देंगे जो कि इनकी सुबह शाम,खाने-पीने और कपड़े, उपचार में दवाइयां जो भी लगेंगी इनकी व्यवस्था कर देंगे। जैसे ही इन्हें रिलीव मिलते हैं हम इन्हें अपने आश्रम ले ले आयेंगे।