SHIVPURI NEWS - मानसून की ऑडिट, जूलाई मे लगे थे झर, सितंबर में शांति, पानी से 14 मौत

Bhopal Samachar

शिवपुरी। इस साल मानसून, प्री मानसून में ही सक्रिय होने से जुलाई में ही शिवपुरी जिले की सामान्य औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया। अकेले जुलाई में ही सामान्य औसत कोटे का 92.68% पानी बरस गया। जबकि अगस्त व सितंबर में जून से भी कम बारिश दर्ज हुई है। कोलारस तहसील में पहली बाढ़ 23 जून को आ गई। करीब दो महीने में 14 लोगों की नदी नालों में बहने और डूबने से जान चली गई। शिवपुरी जिले में अभी तक 1401.19 मिमी औसत बारिश दर्ज हो चुकी है जो सामान्य औसत की 171.65% है। साल 2021 के बाद इस बार सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।

जुलाई में बाढ़ ने तबाही मचाई, नदी, नालों में डूबने से 14 लोगों की जान गई
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी जिले में 19 जून से प्री-मानसून में ही मानसून की बारिश शुरू हो गई। जुलाई में ही 756.58 मिमी औसत पानी बरस गया। जबकि जून में 270.78 मिमी बारिश दर्ज हुई थी। डेढ़ माह के भीतर ही जिले की सामान्य औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया। लेकिन अगस्त व सितंबर में अपेक्षाकृत कम बारिश दर्ज हुई है। अगस्त में 248.96 मिमी और सितंबर में महज 124.87 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है।

30 सितंबर को जिले में बीते चौबीस घंटे में कोलारस तहसील में 14 मिमी और खनियाधाना में 2 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जिले में कुल 1.78 मिमी के साथ औसत बारिश का आंकड़ा 1401.19 मिमी पहुंच गया है। बता दें कि बीते साल कुल 1291.84 मिमी बारिश हुई है। ज्यादा बारिश से इस बार बोवनी नहीं होने से खरीफ का रकबा घट गया। हालांकि रबी सीजन में सरसों का रकबा बढ़ने की उम्मीद द है। है।



जून में एक बार, जुलाई में पांच बार बाढ़ आई
23 जून को कोलारस तहसील में पहली बाढ़ आई। लुकवासा कस्बा व अन्य गांवों में पानी भर गया।
29 जुलाई को बदरवास व कोलारस में फिर बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए।
30 जुलाई को जारी बाढ़ के दौरान 320 लोगों का रेस्क्यू कर बचाया। 30 बच्चों को बचाने के बाद स्कूल बस नाले में बह गई। सिंध नदी में 53 साल बाद ऐसी बाढ़ आई। इससे पहले 5 जुलाई को बाढ़ बैराड़ तहसील क्षेत्र में बाढ़ आई। 23 अगस्त को बैराड़ नगर सहित आसपास गांवों में भारी बारिश से बाढ़ का पानी गांवों में पानी भर गया।

मड़ीखेड़ा बांध: 3 जुलाई को सबसे जल्दी गेट खुले
3 जुलाई 2025 को पहली बार सबसे पहले गेट खोलकर 208 क्यूमेक्स पानी छोड़ा।
13 जुलाई को 1072 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। जुलाई को 500 क्यूमेक्स पानी छोड़ा। 18

बारिश के दौर में पांच जुलाई से 20 अगस्त तक इन लोगों की हुई मौत
5 जुलाई : भौंती निवासी अवधेश केवट (36) नहाते समय सैलाब में बहने मौत हो गई।
11 जुलाई: बैराड़ के पचीपुरा में श्याम आदिवासी की डूबने से मौत हो गई।
23 अगस्त : कोलारस में मुकेश राठौर (50) की रपटा पार करते समय गुंजारी नदी में बहने से मौत।
24 जुलाई: पिछोर के काली पहाड़ी गांव में वंदना लोधी (28) की नदी में बहने से मौत हो गई।
24 जुलाई: स्त्रौद का युवक सोनू जाटव (21) की नाले में बहने से मौत हो गई।
26 जुलाई: बैराड़ में कल्ले जाटव निवासी धतूरा नदी में बह गया। 8 अगस्त को लाश मिली। 27 जुलाई : बैराड़ के धतूरा निवासी कल्याण जाटव की नदी में बहने से मौत हो गई।
27 जुलाई: गुना के बैंक मैनेजर सत्यदेव मिश्रा का शव बदरवास में टामकी घाट पर सिंध में मिला।
28 जुलाई: मझेरा से युक्क राहुल खटीक नहाने गया और खदान के गड्ढे में डूबने से मौत हो गई।
30 जुलाई: कोलारस में टपरियन गांव में बाढ़ में फंसी दुर्गेश दांगी (35) की हृदयाघात से मौत हुई।
 3 अगस्त : घोसीपुरा शिवपुरी के युक्क फरदीन खान की भरखा खो की पुलिया से बहने से मौत।
8 अगस्त : तेंदुआ थाने के दरगंवा गांव में कुएं में डूबने से अंजली जाटव की मौत हुई।
13 अगस्त: आंखों से दिव्यांग मालवर्वे निवासी करनू जाटव (65) साल कुएं में गिरने से मौत।
20 अगस्त: कमलागंज शिवपुरी का रमेश प्रजापति ससुराल गोपालपुर में नदी में डूबने से मौत।