शिवपुरी। खनियाधाना बीईओ कार्यालय फिर एक घोटाले को लेकर सुर्खियों में आ गया है। मामला यहां एक दर्जन से अधिक शिक्षकों को डबल वेतन निकालने का है। यहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षा मिशन में गए करीब एक दर्जन शिक्षकों को दो महीने से अतिरिक्त वेतन का भुगतान किया जा रहा है। जबकि डीपीसी कार्यालय से भी इन्हीं शिक्षकों को भी वेतन दिया जा रहा है। इस तरह दर्जनों शिक्षकों को दो महीने से अतिरिक्त वेतन भुगतान कर घोटाला करने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी अब अतिरिक्त वेतन वापस लेने की तैयारी में जुट गए हैं। साथ ही टीम गठित कर मामले की जांच करने की बात भी कही जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले हुए सीएसी, बीएसी की नियुक्ति के दौरान शिक्षा विभाग से सैकड़ों शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर शिक्षा मिशन में गए हैं।इसी क्रम में खनियाधाना विकासखंड से भी दर्जनों शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को वेतन जिला शिक्षा केंद्र (डीपीसी कार्यालय) से भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद खनियाधाना विकासखंड कार्यालय ने प्रतिनियुक्ति पर गए शिक्षकों को शिक्षा विभाग से भुगतान कर दिया।
प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि एक दर्जन शिक्षकों को पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान किया जा रहा है। विभाग के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि अगर मामले की बारीकी से जांच की जाए तो यह मामला और भी बड़ा हो सकता है। विभागीय सूत्र इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि यह मामला अप्रैल 2025 में उजागर हुए डेढ़ करोड़ रुपये के वेतन भुगतान घोटाले की तरह हो सकता है। वेतन भुगतान की इस प्रक्रिया में बीईओ प्रहलाद गंधर्व व सुशील खस ने वेतन भुगतान नियमों का पालन नहीं किया।
पूर्व में क्या हुआ था खनियाधाना बीईओ कार्यालय में खनियाधाना में वर्ष 2018-19 से 2024 25 तक 40 व्यक्तियों के खाते में से 18 लोगों के खातों में 68 लाख 77 हजार 121 का कपटपूर्ण भुगतान होना पाया गया। इसके अलावा 20 में से 8 व्यक्तियों के बैंक खाते में 6 लाख 19 हजार 274 रुपये का भुगतान किया गया था। इसके अतिरिक्त सहायक ग्रेड-3 ओमकार धुर्वे, को विभागीय बैंक खाते से 6 लाख 3 हजार 199 और लेखापाल सुखनंदन रसगैया को अक्टूबर 2020 के वेतन में 24200 का भुगतान किया गया। इस प्रकार इसक गबन में 81 लाख 23 हजार 728 रुपये की राशि का भुगतान हुआ है।
इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश सूर्यवंशी, प्राचार्य शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय पिठोस सतीश शरण गुप्ता, सुखनंदन रस गैया लेखापाल, सहायक ग्रेड 3 ओमकार सिंह धुर्वे, सहायक ग्रेड 2 गिरेंद्र कुमार कधारिया, माध्यमिक शिक्षक यशपाल बघेल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच उपरांत इस पूरे मामले में शिवपुरी ट्रेजरी में पदस्थ सहायक कोषालय अधिकारी मोहित कुशवाह को भूमिका भी सामने आई थी, जिसने साठगांठ कर फर्जी तरीके से पैसा 40 लोगों के खातों में डाला था। उन्हीं आयुक्त मप्र कोष एवं लेखा भास्कर लाक्षाकार ने निलंबित किया था।
बीईओ बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर बिल बनाए थे
पूर्व बीईओ विवेक महेंद्रा ने सीएसी बने शिक्षकों को पोर्टल से नहीं हटाया था। मेरे आने पर यहां कोई ऑपरेटर नहीं था। बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर बिल बनाए थे। मैंने कल ही बीआरसीसी को पत्र जारी कर दिया है।
शिक्षकों से अतिरिक्त वेतन भुगतान का पैसा वापस लिया जाएगा।
सुशील खस्, बीईओ खनियाधाना।
जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी
मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं इस मामले की जांच टीम गठित कर करवाऊंगा। शिक्षकों से वेतन वापस लिया जाएगा। जो भी इस मामले में दोषी होगा या जिसने भी षड्यंत्र किया होगा। जांच उपरांत तथ्यों के आधार पर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
विवेक श्रीवास्तव डीईओ, शिवपुरी।
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले हुए सीएसी, बीएसी की नियुक्ति के दौरान शिक्षा विभाग से सैकड़ों शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर शिक्षा मिशन में गए हैं।इसी क्रम में खनियाधाना विकासखंड से भी दर्जनों शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को वेतन जिला शिक्षा केंद्र (डीपीसी कार्यालय) से भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद खनियाधाना विकासखंड कार्यालय ने प्रतिनियुक्ति पर गए शिक्षकों को शिक्षा विभाग से भुगतान कर दिया।
प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि एक दर्जन शिक्षकों को पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान किया जा रहा है। विभाग के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि अगर मामले की बारीकी से जांच की जाए तो यह मामला और भी बड़ा हो सकता है। विभागीय सूत्र इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि यह मामला अप्रैल 2025 में उजागर हुए डेढ़ करोड़ रुपये के वेतन भुगतान घोटाले की तरह हो सकता है। वेतन भुगतान की इस प्रक्रिया में बीईओ प्रहलाद गंधर्व व सुशील खस ने वेतन भुगतान नियमों का पालन नहीं किया।
पूर्व में क्या हुआ था खनियाधाना बीईओ कार्यालय में खनियाधाना में वर्ष 2018-19 से 2024 25 तक 40 व्यक्तियों के खाते में से 18 लोगों के खातों में 68 लाख 77 हजार 121 का कपटपूर्ण भुगतान होना पाया गया। इसके अलावा 20 में से 8 व्यक्तियों के बैंक खाते में 6 लाख 19 हजार 274 रुपये का भुगतान किया गया था। इसके अतिरिक्त सहायक ग्रेड-3 ओमकार धुर्वे, को विभागीय बैंक खाते से 6 लाख 3 हजार 199 और लेखापाल सुखनंदन रसगैया को अक्टूबर 2020 के वेतन में 24200 का भुगतान किया गया। इस प्रकार इसक गबन में 81 लाख 23 हजार 728 रुपये की राशि का भुगतान हुआ है।
इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश सूर्यवंशी, प्राचार्य शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय पिठोस सतीश शरण गुप्ता, सुखनंदन रस गैया लेखापाल, सहायक ग्रेड 3 ओमकार सिंह धुर्वे, सहायक ग्रेड 2 गिरेंद्र कुमार कधारिया, माध्यमिक शिक्षक यशपाल बघेल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच उपरांत इस पूरे मामले में शिवपुरी ट्रेजरी में पदस्थ सहायक कोषालय अधिकारी मोहित कुशवाह को भूमिका भी सामने आई थी, जिसने साठगांठ कर फर्जी तरीके से पैसा 40 लोगों के खातों में डाला था। उन्हीं आयुक्त मप्र कोष एवं लेखा भास्कर लाक्षाकार ने निलंबित किया था।
बीईओ बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर बिल बनाए थे
पूर्व बीईओ विवेक महेंद्रा ने सीएसी बने शिक्षकों को पोर्टल से नहीं हटाया था। मेरे आने पर यहां कोई ऑपरेटर नहीं था। बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर बिल बनाए थे। मैंने कल ही बीआरसीसी को पत्र जारी कर दिया है।
शिक्षकों से अतिरिक्त वेतन भुगतान का पैसा वापस लिया जाएगा।
सुशील खस्, बीईओ खनियाधाना।
जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी
मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं इस मामले की जांच टीम गठित कर करवाऊंगा। शिक्षकों से वेतन वापस लिया जाएगा। जो भी इस मामले में दोषी होगा या जिसने भी षड्यंत्र किया होगा। जांच उपरांत तथ्यों के आधार पर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
विवेक श्रीवास्तव डीईओ, शिवपुरी।