SHIVPURI NEWS - दबंगों के कब्जे से जमीन मुक्त कराने तहसीलदार पोहरी को आदिवासियों ने सौंपा आवेदन

Bhopal Samachar

पोहरी। शिवपुरी जिले की तहसील पोहरी के अंतर्गत आने वाले ग्राम भैंसरावन एवं धतूरिया के आदिवासी ग्रामीणों ने तहसीलदार पोहरी को सामूहिक आवेदन सौंपकर अपनी ही जमीन पर दबंगों द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे से मुक्त कराने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर वर्षों से दबंग लोग जबरन खेती कर रहे हैं और उन्हें अपनी ही जमीन से वंचित रखा जा रहा है।

ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन में दर्ज सर्वे नंबरों के अनुसार दर्जनों आदिवासी परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इनमें कलिया पत्नी बल्ला आदिवासी (सर्वे नंबर 1020, 1026, 1252), अर्जुन पुत्र देवलाल आदिवासी (सर्वे नंबर 227), बब्बू पुत्र वंशी आदिवासी (सर्वे नंबर 81), शांति पत्नी रंगा आदिवासी (सर्वे नंबर 1243/1/5), इन्दर पुत्र अम्लू (सर्वे नंबर 1251), ज्ञानी पुत्र रंगू (सर्वे नंबर 75/1), विजय सिंह पुत्र हरीलाल (सर्वे नंबर 1108), मथुरा पुत्र कैली (सर्वे नंबर 903/1/5), रामचरण पुत्र मथुरा (सर्वे नंबर 962), रतनू पुत्र फगुआ (सर्वे नंबर 1262) तथा फिरोनलाल पुत्र दोजा (सर्वे नंबर 1249) शामिल हैं। इसी तरह धतूरिया गांव में भी पूरन पुत्र पीरिया, सुरेश पुत्र किशल्लू, मोती पुत्र लोके, हल्की बेवा नत्थू एवं ज्ञानी पुत्र रंगू की भूमि पर दबंगों का कब्जा बताया गया है।

आदिवासियों के बयान

ग्रामीण रूकम आदिवासी ने बताया कि "हम गरीब लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। लेकिन हमारी पैतृक जमीन पर दबंग वर्षों से कब्जा किए हुए हैं। जब भी हम अपनी जमीन पर खेती करने जाते हैं तो हमें डराया-धमकाया जाता है।"

वहीं पूरन आदिवासी का कहना है कि "हमारे परिवार की जमीन पर दूसरे लोग लगातार खेती कर रहे हैं। हमने कई बार पंचायत और अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर हमें सामूहिक रूप से आवेदन देना पड़ा है।"

सुरेश आदिवासी ने कहा कि "जमीन ही हमारा सहारा है। अगर यही दबंगों के कब्जे में रही तो हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। प्रशासन से हमारी मांग है कि हमें हमारी जमीन वापस दिलाई जाए।"

प्रशासन से मांग

ग्रामीणों ने तहसीलदार पोहरी से मांग की है कि उनकी जमीन का तत्काल सर्वे कराकर दबंगों से कब्जा खाली कराया जाए और उन्हें उनके वैध स्वामित्व की भूमि पर पुनः अधिकार दिलाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से कलेक्ट्रेट तक पहुंचकर आंदोलन करेंगे।