SHIVPURI लौटे नवविाहिता और उसका प्रेमी, कोतवाली पुलिस ने कानपुर से लिया गिरफ्त मे,यह होगी कार्यवाही

Bhopal Samachar

शिवपुरी। बीते रोज शिवपुरी सिटी कोतवाली सीमा में स्थित मेडिकल कॉलेज से एक नवविवाहिता के अपहरण का मामला प्रकाश मे आया था। पुलिस की जांच मे यह अपहरण काण्ड झूठा निकला। अपहरण की स्क्रिप्ट लिखी गई थी और इस कहानी में नवविवाहिता के मॉ-भाई और बॉय फ्रेंड ने मिलकर लिखी थी। पुलिस ने बीती रात मे ही कहानी का अंत कर दिया था वही पुलिस की एक टीम नवविवाहिता को बरामद करने के लिए कानपुर गई थी। सिटी कोतवाली पुलिस ने आज देर शाम विवाहिता और उसके प्रेमी को कानपुर से गिरफ्त मे लेकर शिवपुरी लौट चुकी है।

इस मामले में सिटी कोतवाली कृपाल सिंह राठौर ने मीडिया को बताया कि अभी युवती और उसके प्रेमी को कानपुर से गिरफ्त मे ले लिया है पूछताछ जारी है सभी के अभी बयान लिए जाऐगें। वही अपहरण का मामला कल ही दर्ज हो चुका था। चक्का जाम करने वाले लोगों पर जैसा वरिष्ठ अधिकारी निर्देश देगें उस अनुसार किया जाऐगा।

जैसा कि विदित है कि सोमवार दोपहर चार बजे यह मामला जब कोतवाली पुलिस के सामने आया जब रामनगर की रहने वाली मिथलेश परिहार ने कोतवाली पहुंचकर बताया कि उसकी बेटी प्रीति परिहार उम्र 20 साल का मेडिकल कॉलेज से लौटते समय अपहरण हो गया है। मिथलेश के मुताबिक, जब वे दोपहर डेढ़ बजे ऑटो में मेडिकल कॉलेज से निकलीं, तभी 500 मीटर दूर एक काली कार ने ऑटो को रोका। उसमें से 5 लोग बाहर निकले और मिथलेश को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और बेटी प्रीति को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें कोई नशीली चीज सुंघाई गई, जिसके कारण वो विरोध नहीं कर पाई।

इस अपहरण के घटनाक्रम में टीआई कृपाल सिंह राठौड़ पीडिता नवविवाहिता की ताई को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटनाक्रम को समझने का प्रयास किया। सबसे पहले पीडिता ने बताया कि उसकी बेटी को अपहरण कर्ता एक काली गाडी से ले गए,उसके बाद पीडिता ने अपने बयान बदले ओर कहा कि उसे ऑटो में बिठा कर ले गए है। बार—बार बयान बदलने के कारण पुलिस को समझ आ रहा था कि अपहरण नहीं है कहानी कुछ और है।

मेडिकल कॉलेज से 1 बजकर 38 मिनिट पर बैठी थी ऑटो में
शुरुआत में पुलिस को मिथलेश की बातों पर संदेह हुआ, क्योंकि पूछताछ में वो बार-बार बेहोश होने का नाटक कर रहीं थी,ओर बयान भी बदल रही थी जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला, तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। मेडिकल कॉलेज से लेकर माधव चौक तक के फुटेज में प्रीति और मिथलेश को ऑटो में बैठकर आते, उतरते और फिर मिर्ची बाजार की ओर जाते हुए देखा गया। ये सब डेढ़ बजे के बाद की गतिविधियां थीं,प्रीति की ताई ने ही मिर्ची बाजार में उसके प्रेमी की कार तक प्रीति को छोडा था, जिससे पता चला कि अपहरण की कहानी झूठी थी,नवविवाहिता और उसकी ताई दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर मेडिकल कॉलेज से एक ऑटो में बैठी थी ।

मां ने बेटी भगाने की बात कबूली
पुलिस ने मां मिथलेश को सीसीटीवी फुटेज दिखाए। इसके बाद उसने बताया कि ये पूरा मामला समाज में बदनामी से बचने के लिए रचा गया था। प्रीति अपने प्रेमी अमन कश्यप से शादी करना चाहती थी, जो कि कानपुर का निवासी है और तीन साल से शिवपुरी के रामनगर टोल प्लाजा पर काम कर रहा है। दोनों के बीच दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था।

कानपुर के अमन कश्यप से चल रहा था प्रेम प्रसंग
दरअसल रामनगर निवासी 20 साल की प्रीति परिहार की दो महीने पहले शादी हुई। शादी के दो साल पहले से ही उसका प्रेम प्रसंग कानपुर निवासी अमन कश्यप के साथ चल रहा था। प्रेम विवाह समाज को मंजूर नहीं था, इसलिए पहले समाज के युवक से प्रीति की शादी कराई गई। इसके बाद योजना बनाई गई कि कुछ दिन बाद अमन के साथ भागने को 'अपहरण' का रूप दिया जाएगा। मिथलेश ने अपने बेटे दीपक की मदद से ये साजिश रची। दीपक भी घटना के समय शिवपुरी में ही मौजूद था। बताया जा रहा था कि नवविवाहिता का प्रेमी अमन कश्यप उसे कानपुर ले गया है। आज कोतवाली पुलिस ने कानपुर जाकर नवविवाहिता और उसके प्रेमी को गिरफ्त में ले लिया और शिवपुरी ले आई है,खबर लिखे जाने तक पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है।