SHIVPURI NEWS - शिक्षा विभाग के पास निरीक्षण के लिए इतना बढ़ा अमला,फिर ई अटेंडेंस क्यों जनक रावत

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शासकीय कर्मचारियों में केवल शिक्षक की ई-अटेंडेंस से उपस्थिति लगवाना समाज में शिक्षक के पद की गरिमा को धूमिल करने जैसा है, ऑल इंडिया एन.पी.एस. एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय मीडिया सचिव जनक सिंह रावत ने प्रेस को दीं विज्ञप्ति में बताया कि जब शिक्षा विभाग के पास जन शिक्षा केंद्र,संकुल केंद्र, बी.आर.सी.ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिले मै जिला शिक्षा अधिकारी, डी.पी.सी./ ए.पी.सी. सहित सेंकड़ो अधिकारी निरीक्षण के लिए तैनात हैं फिर क्या आवश्कता है।

ई -अटेंडेंस की क्या शिक्षा विभाग को और सरकार को अपने निरीक्षण दलों अपने अधिकारियों पर भरोसा नहीं है  यदि सरकार को अधिकारियों पर भरोसा नहीं है तो यह सभी पद समाप्त कर देना चाहिए और उपस्थिति केवल ई -अटेंडेंस से ही लगना चाहिए इतना अमला शिक्षा विभाग में निरीक्षण के लिए तैनात किया गया है उन सभी को विद्यालयों में पदस्थ किया जाना चाहिए जिससे शिक्षकों की कमी भी पूरी होगी सरकार का आर्थिक लाभ भी होगा।

रावत ने कहा कि एक तरफ सरकार शासकीय स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आने पर शिक्षकों की पीठ थपथपाती है एवं शिक्षा विभाग में 50% महिला कर्मचारी हैं जो अपने घर से 30 से लेकर 50 किलोमीटर दूर तक जाती हैं  वहां पर यातायात के नियमित साधन नहीं है अधिकतर क्षेत्र में शाम को आवागमन के लिए कोई बस सुविधा नहीं है इसका भी सरकार को ध्यान रखना चाहिए एवं महिला कर्मचारियों को शहर के आसपास नियुक्त करना चाहिए।  

ऐसे निर्णय लेकर समाज में शिक्षक को काम चोर साबित करने की कोशिश भी करती है। ई अटेंडेंस योजना को शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल बताया।साथ ही सरकार को आश्वस्त किया कि यदि सरकार मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारियों के लिए यह योजना लाती है तो शिक्षक संवर्ग सहर्ष इसमें बढ़-चढ़कर सहभागिता करेगा। सिर्फ शिक्षक को इस हेतु निशाना बनाया जाना  गुरु पद की भारतीय परंपरा के अनुकूल नहीं है।