शिवपुरी। शिवपुरी समाचार की प्रमाणित खबर का असर हुआ है। शिवपुरी में व्यापारियों के द्वारा फार्म ऐप गेट के माध्यम से की गई खरीदी का मामला उजागर होने के बाद संयुक्त संचालक म प्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड ग्वायिल ने एक जांच टीम का गठन किया था। इस जांच टीम ने रविवार को शिवपुरी कृषि उपज मंडी कार्यालय शिवपुरी में आकर जांच की,बताया जा रहा है कि इस जांच टीम ने व्यापारियों के गोदामों पर भी जाकर छानबीन की,अभी समिति ने अपनी जांच संयुक्त संचालक सुरेश कुमार कुम्हरे को नहीं सौंपी थी। इस जांच में तमाम प्रकार की गड़बड़ी करने की फिराक में जांच टीम थी।
लेकिन शिवपुरी समाचार ने इस मामले मे लगातार पीछा किया और फार्म ऐप गेट की टैक्स चोरी काण्ड में संयुक्त संचालक की भूमिका संदिग्ध शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। इस खबर को पीएस ने सीधे संज्ञान मे लिया और इस पर निष्पक्ष के जांच के आदेश मंडी के जेडी को दिए थे,हालांकि जेडी ने शिवपुरी मंडी के सचिव को बचाने के लिए भरपुर प्रयास किया था। इस जांच में केवल व्यापारियों के द्वारा भरे गए सौंदा पत्रक पर अंकित मोबाइल पर कॉल कर किसानों की सत्यता की जांच करना था लेकिन इस जांच को करने में इस टीम को 7 दिन का समय लगा। शिवपुरी की जागरूक मीडिया लगातार इस मामले का पीछा करती रही और खबरों का प्रकाशन करती रही। इस कारण निष्पक्ष जांच हो सकी और इस जांच में प्रथम दृष्टया शिवपुरी मंडी सचिव को दोषी पाया गया।
यह हुए है आदेश
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी के प्रभारी सचिव विश्वनाथ सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फार्म गेट एप में किसानों की जगह मंडी कर्मचारियों के मोबाइल नंबर दर्ज करने का मामला सामने आया था।
संयुक्त संचालक, आंचलिक कार्यालय ग्वालियर की जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं। आदित्य इंडस्ट्रीज, बजरंग ट्रेडर्स, सचिन ट्रेडर्स और हिमांशु इंडस्ट्रीज ने किसानों के स्थान पर मंडी कर्मचारियों के मोबाइल नंबर दर्ज किए। यह सत्यापन मंडी सचिव की आईडी और पासवर्ड से किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि नकद भुगतान की अधिकतम सीमा 2 लाख से अधिक का भुगतान किया गया। सचिव विश्वनाथ सिंह ने अपनी आईडी और पासवर्ड आउटसोर्स कर्मचारी को दे दिया था, जो सुरक्षा और पारदर्शिता के नियमों का उल्लंघन है।
मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के तहत विश्वनाथ सिंह को निलंबित किया गया है। निलंबन काल में उनका मुख्यालय ग्वालियर स्थित आंचलिक कार्यालय रहेगा, जहां वे जीवन निर्वाह भत्ता पाने के हकदार होंगे। यह आदेश 14 मई 2025 से प्रभावी है।