शिवपुरी। शिवपुरी का जिला अस्पताल स्वयं एक अपनी गंभीर बीमारी से लड रहा है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है,स्टाफ की कमी के कारण मरीजो का काम समय पर पूरा नहीं होता है इस कारण वहां प्रतिदिन विवाद की स्थिति बनती है। अस्पताल में मैन पावर की कमी का मामला बीते दिनों क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री की दिशा बैठक में भी उठा था इस कारण अस्पताल प्रबंधन से रिक्त पदों की भर्ती के लिए प्रस्ताव मांगा था। वहीं सिविल सर्जन के अनुसार बजट के अभाव में इन पदों पर भर्ती होने में समस्या आ रही है।
स्टाफ न होने से मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट न होने से मरीजों के अल्ट्रासाउंड से लेकर अन्य जांचें नहीं हो पा रहीं हैं। प्रसूताओं का अल्ट्रासाउंड निजी रेडियोलॉजिस्ट से अनुबंध के आधार कराया जा रहा है। ईएनटी विशेषज्ञ न होने से नाक, कान, गले से संबंधित एक सैकड़ा से अधिक मरीजों को 3 किमी दूर मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं चर्म रोग विशेषज्ञ न होने से लगभग 2 सैकड़ा मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज एवं ग्वालियर तक जाना पड़ता है। क्षय रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को जिला अस्पताल की जगह टीबी अस्पताल में जाना पड़ता है।। मल्टी स्किल्ड वर्कर न होने से अस्पताल प्रबंधन को अन्य जरूरी कार्य कराने में समस्या हो रही है।
ग्रुप डी कर्मचारियों के वेतन के लिए चाहिए हर माह दस लाख रुपए
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि स्वीकृत ग्रुप डी के रिक्त पदों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को देने के लिए हर माह लगभग 10 लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी, इतना बजट अस्पताल प्रबंधन के पास अभी नहीं है। वहीं राज्य सरकार की ओर से भी रिक्त पदों को भरने के लिए अलग से बजट का इंतजाम नहीं किया गया है। ऐसे में वर्षों से खाली पड़े इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर लटक गई है।
बैठक में सिंधिया बोले मुझे क्यों नहीं बताया
जिला अस्पताल की दिशा बैठक में गत 17 मई को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रेजेंटेशन के दौरान तब हैरान रह गए जब उन्हें बताया गया कि 400 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में बीते कई वर्षों से 62 स्वीकृत पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस पर नाराज सिंधिया ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से सवाल उठाते हुए कहा कि समय रहते उन्हें इस बात की सूचना क्यों नहीं दी गई। उन्होंने अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के लिए संयुक्त योजना बनाकर पेश करने के निर्देश भी दिए। जिसके बाद रविवार को जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बीएल यादव ने स्वीकृत रिक्त पदों के साथ प्लान केंद्रीय मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के दो पद है दोनो ही रिक्त है,डेंटिस्ट डॉक्टर के 5 पद है केवल 3 डॉक्टर जिला अस्पताल के पास है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर के 2 पद है लेकिन एक भी डॉक्टर नहीं है। शिवपुरी जिले के मरीजों को कवर करने वाले जिला अस्पताल में सर्जरी विशेषज्ञ डॉक्टर के 2 पद है लेकिन एक भी डॉक्टर नहीं है। अस्थि रोग के 4 पद है लेकिन हमारे पास एक भी नहीं है। चर्म रोग विशेषज्ञ और क्षय रोग का एक भी डॉक्टर नहीं है वही 62 पर मल्टी स्किल्ड वर्कर के रिक्त है।
बजट की कमी, इसलिए नहीं हो रही भर्ती
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ साथ डॉक्टरों की भर्ती को लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया जी ने प्लान मांगा था। हमने प्लान बनाकर दे दिया है. हकीकत में अभी बजट नहीं है, इसलिए कर्मचारियों एवं डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो पाएगी। आउटसोर्सिंग के पदों पर भर्ती के लिए कंपनी को लिखकर देना होगा, अभी मामला लंबित है।
संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ शिवपुरी