SHIVPURI NEWS - अक्षय तृतीया की परंपरा आज भी है जीवित, गांव की ​बेटियों ने लाइन लगाकर बांटा सोन

Bhopal Samachar

शिवपुरी। जिले के सिरसौद में गाव में अक्षय तृतीया का पर्व बुधवार की शाम 5 बजे धूमधाम से मनाया गया। यह दो दिवसीय त्योहार परशुराम जयंती से आरंभ होकर अगले दिन तक चलता है। गांव के लोग इस आयोजन को धार्मिक श्रद्धा व सामाजिक सौहार्द के प्रतीक के रूप में देखते हैं।इस परंपरा के तहत ग्राम की सभी महिलाएं व कन्याएं नए वस्त्र पहनकर काली माता मंदिर पर एकत्रित होती हैं। वहीं पुरुष दोनों छोरों से लाइन बनाकर योगी मोहल्ला तक खड़े रहते हैं।

यह कतार करीब 1000 मीटर लंबी होती है। महिलाएं पुरुषों को विशेष रूप से तैयार की गई "सोन" भेंट करती हैं, जिसमें सूखी रोटी, गेहूं के दाने और पीपल या बरगद के पत्ते शामिल होते हैं। पुरुष इस सामग्री को आदरपूर्वक ग्रहण करते हैं और बहू-बेटियों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद यह "सोन" परिवार के अन्य सदस्यों में भी बांटी जाती है, जिससे पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है। अत्रि पांडेय नरेश योगी ने बताया कि यह परंपरा सदियों पुरानी है जो सामाजिक समरसता और धार्मिक आस्था को गहराई से जोड़ती है। यह आयोजन गांव में खुशी, सौहार्द और श्रद्धा का विशेष वातावरण पैदा करता है।