SHIVPURI NEWS - प्रभारी मंत्री ने खोला अवैध कॉलोनियों का जिन्न बोतल से बहार, CMO की लिस्टिंग शुरू

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में  अवैध  कॉलोनियों का मामला बार बार सुर्खियों में आता है। अधिकारियों की कलम तेज हो जाती है,नोटिसो के कागजों की संख्या की खपत अधिक होने लगती है इधर लक्ष्मी जी की चाल अधिक रफ्तार पकड़ लेती है,कम बजट के प्लॉट खरीदने वाले लोगों के बजट बिगड़ जाते है इतना सब होने के बाद महिने दो महिने में फिर शांति हो जाती है। ऐसा जब जब हुआ है जब यह मुद्दा सुर्खियों मे आया है। इसलिए ऐसा लिख रहे है कि क्यो कि जब यह मामला पहली बार सुर्खियों में आया था उसके बाद पूर्ण ईमानदारी वाले रास्ते पर चला होता तो यह मामला बार बार सर्खियो मे नही आता।

प्रदेश के ऊर्जा और जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने नगर पालिका को अवैध कालोनी काटने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नगर पालिका ने भी सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।  रिकार्ड में भले ही 353 अवैध कालोनियां हो, लेकिन हकीकत ये है कि जिले में अब अवैध कालोनियों की संख्या अब बढ़कर 500 से अधिक हो चुकी है। प्रशासन और नपा के अफसर बस कागजों में आंकड़े बढ़ाते-घटाते रहते हैं। जबकि इन कालोनियों में प्लाट लेने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अवैध कॉलोनियों के मामले 2019 में पहली बार तूल पकडा था उस समय जब सर्वे कराया था तो उसमें 181 अवैध कालोनियां होना पाया गया। फिर मामला दब गया। यह कालोनियां बसाने वाले 56 कॉलोनाइजरों के नाम भी सामने आ गए थे। हालांकि अवैध कालोनी की बात सामने आने के बाद आम जनता भी सतर्क हुई है, वह फार्म-4 कालोनी में ही प्लाट लेना चाहते हैं। मुश्किल यह है कि वैध कालोनी में प्लाट के दाम

2-3 हजार रुपये स्क्वायर

फीट में होते हैं। जबकि अवैध कालोनियों में प्लाट 1000-1500 रुपये स्क्वायर फीट में मिल जाते हैं। कालोनाइजर लोगों को सब्जबाग भी दिखा देते हैं कि कालोनी को वैध कराने की प्रक्रिया जारी है, जल्द ही वैध हो जाएगी। वहीं कुछ तो कालोनी को वैध बताकर ही प्लाट बेचते हैं। लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और बाद में परेशानियां झेलना पड़ती है।

अब क्या
हाल ही में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी प्रवास पर आए थे। इस दौरान नगर पालिका सीएमओ को अवैध कालोनियों की सूची तैयार कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। खास बात ये है कि कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम ने भी इसकी जांच की थी, इसके बाद ही 353 अवैध कालोनियों के प्रकरण भी तैयार हुए थे। दिलचस्प बात ये है कि हर बार सूची में बस नाम बढ़ते जाते है। इक्का दुक्का लोगों पर कार्रवाई करने के बाद बाकी मामले नोटिसों तक ही सिमटकर रह जाते हैं।

ये होती है परेशानी
कालोनाइजर प्लाट काटकर पैसा कमाकर निकल जाते हैं। बाद में जनता को सीवर, पानी, सफाई सहित अन्य समस्याओं के लिए मुसीबत झेलना पड़ती है। जब प्रशासन ने कुछ पर प्रकरण दर्ज किए तो अब कालोनाइजरों ने जमीन खरीदने की जगह अनुबंध पत्र पर जमीन हैंडओवर लेकर प्लाटिंग शुरू करते हैं। ऐसे में जमीन भूस्वामी के नाम ही होती है। अब प्रशासन कार्रवाई करता है तो उसमें भूस्वामी में दर्ज व्यक्ति पर ही कार्रवाई होती है और कॉलोनाइजर बच जाता है।

हमें निर्देश मिले है
अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। हम इनकी सूची तैयार करा रहे हैं। जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। - इशांक धाकड़, सीएमओ नगर पालिका, शिवपुरी।