शिवपुरी। बिजली कंपनी उपभोक्ता को मीटर रीडिंग के संग मासिक खपत बताकर दो महीने में 350 यूनिट की आकलित खपत जोड़कर बिजली बिल थमाती चली गई। मामले में न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी ने बिजली कंपनी के खिलाफ आदेश जारी किया है। मई व जून 2022 में बिजली कंपनी द्वारा जारी आंकलित खपत के बिजली बिलों को निरस्त कर दिया है। मामले में उपभोक्ता की ओर से पैरवी चंद्रभान सिंह ने की।
अभियोजन के अनुसार पुरानी शिवपुरी निवासी प्रवीण (39) पुत्र स्व. ओंकारनाथ त्रिपाठी ने बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री, सहायक यंत्री व कनिष्ठ यंत्री के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत आयोग में परिवाद दायर किया। प्रवीण त्रिपाठी को बिजली कंपनी द्वारा मई व जून 2022 में जारी आकलित खपत के बिजली बिलों में संशोधन कराने तथा जमा की गई राशि समायोजित कराने व क्षतिपूर्ति की मांग रखी।
दरअसल मई 2022 की मीटर रीडिंग से दर्ज खपत 117 यूनिट के आधार पर बिल जारी न करते हुए उक्त बिल में 183 यूनिट आकलित खपत अतिरिक्त जोड़कर 300 यूनिट का गलत बिल जारी दिया। बिल संशोधन कराने के लिए आवेदन दिए गए। लेकिन किसी ने बिल संशोधित नहीं किया। जून 2022 में फिर से आंकलित खपत 133 व मीटर रीडिंग 167 कुल 300 यूनिट का बिल जारी कर दिया। मजबूर होकर मई व जून 2022 का बिल भी जमा कर दिया।
बिजली कंपनी के अधिकारियों को आदेश की तारीख से एक महीने में मई व जून 2022 के बिजली बिल मीटर रीडिंग के आधार पर अधिभार रहित जारी करने के निर्देश दिए हैं। उक्त बिलों के संबंध में आगामी बिलों में जोड़ी गई अधिभार की राशि को भी समाप्त कर दिया है। आदेश जारी तारीख से एक महीने के अंदर आवेदक को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए 1 हजार रु. व परिवाद व्यय 1 हजार रु. कुल 2 हजार रु. अदा करने के निर्देश दिए हैं। यह राशि आगामी बिलों में समायोजित की जाएगी।