श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के केंद्रीय दूरसंचार मंत्री होने का शिवपुरी को पहला फायदा मिला है। शिवपुरी जिले का बांसखेड़ी गांव, 5G इंटेलिजेंट विलेज बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से संबंधित जारी सरकारी प्रेस नोट में हिंदी भाषा के ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है, जो कंफ्यूज करते हैं और आम नागरिक को यह समझने में असफल साबित होते हैं कि, 5G इंटेलिजेंट विलेज में क्या होगा और इससे शिवपुरी को क्या फायदा होगा।
5G इंटेलिजेंट विलेज में क्या होगा
हम उसका सरल हिंदी में आपको भावार्थ बताते हैं। 5G इंटेलिजेंट विलेज के तहत बांसखेड़ी गांव के आसपास की सरकारी जमीन किसी प्राइवेट कंपनी को दे दी जाएगी। वह कंपनी यहां पर 5G रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर बनाएगी। यानी कि, बस बांसखेड़ी में कुछ बाहर के लोग रहने के लिए आएंगे। या फिर शिवपुरी से बांसखेड़ी के लिए अप डाउन करेंगे। यह भी तब होगा जब कोई कंपनी शिवपुरी जिले के बांसखेड़ी गांव में काम करने के लिए तैयार होगी।
5G इंटेलिजेंट विलेज कितना महत्वपूर्ण है
जैसा फोटो में दिखाई दे रहा है वैसा कुछ भी नहीं होने वाला है। कल्पनाओं में डूबने की जरूरत नहीं है और बांसखेड़ी में प्लॉट बुक करने की तो बिलकुल जरुरत नहीं है। यह भी बिल्कुल मत सोचिएगा की आपने जो रिकॉर्ड वोट दिए थे श्रीमंत महाराज साहब ने उसका ऋण चुका दिया है। फिलहाल केवल इतना सोच कर खुश हो सकते हैं कि यह रिसर्च सेंटर भारत में टोटल 10 गांव में खुलने वाले हैं और श्रीमंत महाराज साहब के कारण उनमें से एक गांव शिवपुरी का है। इसके कारण ना तो शिवपुरी की बेरोजगारी कम होगी और ना ही बाजार में व्यापार बढ़ेगा। शिवपुरी के विद्यार्थियों को भी 5G इंटेलिजेंट विलेज का कोई फायदा नहीं होगा। यह प्रोजेक्ट शिवपुरी के लिए बिल्कुल वैसा ही होगा जैसे टूरिस्ट विलेज था। यहां क्लिक करके समाचार की पुष्टि कर सकते हैं और इस प्रोजेक्ट के बारे में अधिकृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।