सोनू सैन / अमोला। शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग के अमोला थाना सीमा में आने वाले अमोला क्रमांक 1 में निवास करने वाले परिवार की उसकी मजदूरी ही उसके घर के मातम का कारण बन गई। बताया जा रहा है कि मजदूरी के रूप में मिली आलू की बोरियों के कारण उसकी ढाई साल की बेटी की मौत हो गई। मासूम की मां उसे गांव में तलाश रही थी लेकिन उसकी बेटी की लाश घर में मिली।
जानकारी के अनुसार अमोला की अमोला कॉलोनी क्रमांक 1 में निवास करने वाला नवल आदिवासी अपनी पत्नी ज्योति आदिवासी और ढाई साल की बेटी वंदना को लेकर दो माह पूर्व मजदूरी करने धौलपुर गया था,वहा उसे खेत में आलू खोदने का काम मिला था,बताया जा रहा है कि नवल 21 मार्च का वापस होली मनाने के लिए अपने घर वापस लौटा था उसे मजदूरी में पैसों के साथ साथ आलू की 50 50 किलो की तीन बोरिया भी मिली थी,वह भी अपने साथ उन्हें लेकर घर आया था।
नवल ने यह बोरिया अपने घर में जमीन पर ना रखते हुए आलू में नमी ना लग जाए इस कारण घर के एक आले में रख दी,इन आलूओ की बोरी पर कुछ कपड़े भी रख दिए थे। दो दिन पूर्व नवल सुबह के समय किसी काम से अपने घर से बाहर गया था उसकी पत्नी ज्योति होली की तैयारी को लेकर घर के आंगन की लीप रही थी और पास में ही उसकी ढाई साल की बेटी वंदना खेल रही थी।
ज्योति जब अब अपने काम से फ्री हुई तो उसने देखा कि उसकी बेटी वंदना घर में कही नही दिखाई दे रही है,उसने घर के आसपास भी देखा लेकिन वंदना उसे कही नही दिखाई दी,ज्योति उसे गांव में आवाज देते हुए तलाश रही थी। नवल ने बताया कि जब में अपने काम से लौटकर अपने घर की ओर आ रहा था तो पत्नी बेटी को आवाज लगा रही थी।
लेकिन जब घर में बेटी नजर नहीं आई तो फिर गांव में ढूंढने के लिए गई, लेकिन इधर-उधर ढूंढने के बाद भी जब बेटी नहीं मिली तो नवल की पत्नी वापस घर आ गई। इसी बीच उसकी नजर बोरी के बीच फंसी बेटी की फ्रॉक पर गई, तो उसने सोचा कि फ्रॉक दबी है, लेकिन जब उसे खींचा तो बेटी की लाश निकली।
बताया जा रहा है कि वंदना खेलते खेलते आलूओ की बोरी तक पहुंच गई और उसने किसी कपड़े को खींचने का प्रयास किया होगा तो आले में एक के ऊपर एक रखी बोरियो जो आधी बाहर की ओर लटकी हुई तो उनका संतुलन बिगड गया और वह तीनो बारी वंदना के ऊपर गिर गई,और वंदना इन बोरियों के नीचे दबी रही,जब यह घटना हुई थी तो उसकी मां कमरे में नहीं थी और वंदना बडी ही देर तक इन बोरियों के नीचे दबी रही जिससे उसकी मौत हो गई।