शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका शहर को जगमन रखने के लिए और शहर के प्यासे कंठो को पानी पिलाने वाले ट्यूबवेल ओर शहर की जलावर्धन योजना की मोटर को चलाने के लिए खर्च की गई बिजली का बिल नगर पालिका ने नहीं भरा है। इससे पहले फरवरी 2022 में ऐसा ही विवाद उपजा था जहां बिजली कंपनी ने नगर पालिका को 20 करोड़ का बिल थमा दिया और नगर पालिका दफ्तर की बत्ती गुल कर शहर के लगे ट्यूबवेल की लाइट काटना शुरू कर दी थी। 
20 करोड़ के बिल पर तत्कालीन सीएमओ शैलेष अवस्थी का कहना था कि हमारे आकलन के हिसाब से साढे तीन करोड का बिल निकल रहा है,जिसे हम जमा करने को तैयार है। उस समय नगर पालिका शिवपुरी के प्रशासक कलेक्टर थे। कलेक्टर ने मध्यस्थता कर इस मामले का सुलझाया था,अब फिर बिजली कंपनी ने नगर पालिका पर 10 करोड़ का हिसाब लेकर चढाई शुरू कर दी है,जिससे नगर पालिका में खलबली मचना शुरू हो गई है। बिजली कंपनी अपना प्रेशर बना रही है और आगे फिर नगर पालिका की बत्ती गुल नहीं कर दे।
बताया जा रहा है कि सिंध जलावर्धन योजना का बिल सबसे अधिक आता है क्यो कि फिल्टर प्लांट और इंटेकवेल पर चलने वाली भारी भरकम मोटर बिजली की सबसे अधिक खपत करती है। इन सभी का मासिक बिल 1 करोड़ रुपए से अधिक का होता है। पिछले तीन माह में नगर पालिका ने कोई बिल की राशि जमा नहीं किए जिसके चलते अब बिजली के बिल की राशि 10 करोड़ रुपए तक जा पहुंची। चूंकि नपा ने पिछले तीन माह से बिजली बिल की कोई राशि जमा नहीं की, जिसके चलते अब बिजली कंपनी ने भी बिल मांगने के साथ ही ऑफिस पहुंचकर बिजली कंपनी वाले तकादा कर रहे हैं।
आर्थिक संकट से जूझ रही नगरपालिका शिवपुरी से जब बिजली कंपनी का तकादा बढ़ा तो नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा भी चिंतित हो गई। उन्होंने अपने अधीनस्थों को बुलाकर जब पतारसी की तो उन्हें पता चला कि बिजली कंपनी पर भी नपा का संपत्ति कर सहित अन्य जिलों की राशि बकाया है।
नपा के जिम्मेदार इसलिए भी परेशान
कई बार नपा ने बिजली कंपनी का बिल नहीं दिया था तो नगरीय प्रशासन भोपाल से ही बिजली कंपनी ने चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में से अपने बिल की राशि जमा करवा ली थी। उसके बाद से नपा शिवपुरी आर्थिक संकट के दौर में जा पहुंची। इस बार भी बिजली कंपनी ने कहीं भोपाल से ही राशि कटवा ली, तो नपा और भी आर्थिक संकट में जा पहुंचेगी।
बिजली कंपनी दफ्तरों पर संपत्ति कर है बकाया
बिजली कंपनी के दफ्तरों पर संपत्ति संपत्ति कर कर सहित अन्य मदों में नगरपालिका की लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। हमने उनसे कहा है कि हमारी जो बकाया राशि है, वह इस बिल में काटी जाए। हम अपनी और भी बकाया राशि जमा करवा रहे हैं।
गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष शिवपुरी
नपा शेष राशि का ही बिल जमा करा दे
यदि हमारे ऊपर नगरपालिका का कुछ बकाया है, तो वो अपना हिसाब हमें बता दें कि कौन. कौन सी राशि हमारे ऊपर निकल रही है। वे अपना हिसाब बताकर उतनी राशि काटकर शेष राशि का बिल जमा करवा दें। हम तो अपना बिल वसूल करेंगे ही।
अरुण शर्मा, उप महाप्रबंधक विविकं
  
20 करोड़ के बिल पर तत्कालीन सीएमओ शैलेष अवस्थी का कहना था कि हमारे आकलन के हिसाब से साढे तीन करोड का बिल निकल रहा है,जिसे हम जमा करने को तैयार है। उस समय नगर पालिका शिवपुरी के प्रशासक कलेक्टर थे। कलेक्टर ने मध्यस्थता कर इस मामले का सुलझाया था,अब फिर बिजली कंपनी ने नगर पालिका पर 10 करोड़ का हिसाब लेकर चढाई शुरू कर दी है,जिससे नगर पालिका में खलबली मचना शुरू हो गई है। बिजली कंपनी अपना प्रेशर बना रही है और आगे फिर नगर पालिका की बत्ती गुल नहीं कर दे।
बताया जा रहा है कि सिंध जलावर्धन योजना का बिल सबसे अधिक आता है क्यो कि फिल्टर प्लांट और इंटेकवेल पर चलने वाली भारी भरकम मोटर बिजली की सबसे अधिक खपत करती है। इन सभी का मासिक बिल 1 करोड़ रुपए से अधिक का होता है। पिछले तीन माह में नगर पालिका ने कोई बिल की राशि जमा नहीं किए जिसके चलते अब बिजली के बिल की राशि 10 करोड़ रुपए तक जा पहुंची। चूंकि नपा ने पिछले तीन माह से बिजली बिल की कोई राशि जमा नहीं की, जिसके चलते अब बिजली कंपनी ने भी बिल मांगने के साथ ही ऑफिस पहुंचकर बिजली कंपनी वाले तकादा कर रहे हैं।
आर्थिक संकट से जूझ रही नगरपालिका शिवपुरी से जब बिजली कंपनी का तकादा बढ़ा तो नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा भी चिंतित हो गई। उन्होंने अपने अधीनस्थों को बुलाकर जब पतारसी की तो उन्हें पता चला कि बिजली कंपनी पर भी नपा का संपत्ति कर सहित अन्य जिलों की राशि बकाया है।
नपा के जिम्मेदार इसलिए भी परेशान
कई बार नपा ने बिजली कंपनी का बिल नहीं दिया था तो नगरीय प्रशासन भोपाल से ही बिजली कंपनी ने चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में से अपने बिल की राशि जमा करवा ली थी। उसके बाद से नपा शिवपुरी आर्थिक संकट के दौर में जा पहुंची। इस बार भी बिजली कंपनी ने कहीं भोपाल से ही राशि कटवा ली, तो नपा और भी आर्थिक संकट में जा पहुंचेगी।
बिजली कंपनी दफ्तरों पर संपत्ति कर है बकाया
बिजली कंपनी के दफ्तरों पर संपत्ति संपत्ति कर कर सहित अन्य मदों में नगरपालिका की लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। हमने उनसे कहा है कि हमारी जो बकाया राशि है, वह इस बिल में काटी जाए। हम अपनी और भी बकाया राशि जमा करवा रहे हैं।
गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष शिवपुरी
नपा शेष राशि का ही बिल जमा करा दे
यदि हमारे ऊपर नगरपालिका का कुछ बकाया है, तो वो अपना हिसाब हमें बता दें कि कौन. कौन सी राशि हमारे ऊपर निकल रही है। वे अपना हिसाब बताकर उतनी राशि काटकर शेष राशि का बिल जमा करवा दें। हम तो अपना बिल वसूल करेंगे ही।
अरुण शर्मा, उप महाप्रबंधक विविकं