शिवपुरी। जिले में मौसम बदल से एक बार फिर से सर्दी अपना असर दिखा रही है जिससे अस्पताल में मरीजो की संख्या में बढोतरी हुई है। जिला अस्पताल में अधिक सर्दी पड़ने से जुकाम, खांसी, सिरदर्द, हार्ट अटैक, जैसी बीमारी के मरीजो का इजाफा देखने को मिला है।जिसके चलते जिला अस्पताल के आईसीयू सहित मेडिकल वार्ड में भी मरीजों की भरमार है।
पिछले तीन दिन में मरीजों का आंकड़ा 2855 तक पहुंच गया, तथा हर दिन लगभग 900 मरीजों की ओपीडी हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि पुराने पर्ची पर दबा ले रहे मरीज भी अपना चेकअप कराते रहे तथा ऐसी सर्दी के मौसम मेें बहुत ही जरुरी हो तभी बाहर निकले अन्यथा घर से बाहर नहीं निकले।
मरीजो की बात करे तो पिडले 15 जनवरी से 18 जनवरी दोपहर 1 बजे तक 21955 मरीज दर्ज किये गये है जबकि हर दिन ओपीडी में 900 मरीज आ रहे है। बीते दो दिन से न्यूनतम तापमान 7 डिग्री के बाद गुरुवार को यह 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आज सुबह से घना कोहरा होने की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। जिससे इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। पिछले तीन दिन में मरीजों का आंकड़ा 2855 तक पहुंच गया। जिला अस्पताल के सभी वार्डों में बेड फुल है तथा ओपीडी में आने वाले मरीजों में अधिकतम सर्दी-जुकाम, खांसी व सीने में दर्द एवं सांस के मरीज हैं।
इस सर्दी के सीजन में यह दी डॉक्टरों ने सलाह
डॉक्टरों की माने तो वैसे तो यह सर्दी का मौसम हल्दी होता है लेकिन इन दिनों पड़ रही सर्दी में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। साथ ही हार्ट अटैक के मरीजो की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों ने गर्म कपड़े से ढक कर रहने की सलाह के साथ ही सीजन में लोगों को रनिग व कसरत न करने वॉक करने की सहल दी है बल्कि वॉक करने की सलाह दी है।
डॉक्टरों का तर्क फसलों में यूरिया के अधिक उपयोग होने से बढ़ रही बीमारियां
फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए खाद का इस्तेमाल जोरों पर किया जा रहा है। जिसमें हर साल खाद की डिमांड बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि पांच साल में फसल के रकबे में तो ज्यादा अंतर नहीं आया। लेकिन खाद का इस्तेमाल पांच सालों में बढ़कर दोगुना तक पहुंच गया है। ऐसे में यह लोगों के लिए अब घातक साबित हो रहा है। यहां पेट संबंधी बीमारी से लेकर कई रोग लोगों को दे रहा है।
डॉक्टरों की माने तो फसलों में यूरिया का इस्तेमाल बढ़ने से यह मानव शरीर को भी बीमार कर रहा है। यह स्लो पॉइजन की तरह काम करता है। जिसमें सबसे ज्यादा किडनी फेल का रोग होता है। इसके लिए पेट में कब्ज, गैस से लेकर अल्सर तक में यह भी एक कारण है। इसके अलावा दिमाग को भी बीमार बना रहा है।
जिसमें चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन का शिकार भी लोग कई बार हो जाते है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि कैंसर में भी एक कारण यूरिया को माना जा सकता है। इसी तरह कई अन्य बीमारियों में भी यूरिया एक कारण है। खाद की मांग बढ़ने का अहम कारण यह है कि इससे फसलों में उत्पादन बढ़ रहा है। इससे हर साल प्रति हेक्टेयर में 200 से 300 क्विंटल तक पैदावार बढ़ रही है। जिसे लेकर फसलों में यूरिया का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है।