SHIVPURI NEWS- अस्पताल परिसर में महिला को हुआ प्रसव, मदद करने के बजाय लोग बनाते रहे वीडियो

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शिवपुरी।
जिला अस्पताल शिवपुरी के खुले परिसर में प्रसूता का परिजनों को प्रसव कराना पड़ा। जबकि अस्पताल की नर्स व अन्य स्टाफ आंखों से देखते हुए भी अनदेखा करते हुए निकलता रहा। दरअसल एंबुलेंस से उतरे तो स्ट्रेचर मौजूद नहीं था, इसलिए प्रसूता को पैदल ले जा रहे थे। इसी दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने से परिजनों को खुद ही असुरक्षित प्रसव कराना पड़ा। इस घटना से जिला अस्पताल शिवपुरी की इस अव्यवस्था के मामले से सवाल खड़े हो रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक वाला बाई पत्नी अरुण परिहार निवासी ग्राम खतौरा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन एंबुलेंस से जिला अस्पताल शिवपुरी ला रहे थे। जिला अस्पताल पहुंचे तो स्ट्रेचर, वार्ड ब्वॉय मौके पर उपलब्ध नहीं था। एंबुलेंस चालक का कहना है कि वह अंदर स्ट्रेचर लेने चला गया। पति अरुण का कहना है कि मौके पर स्ट्रेचर नहीं मिला तो कुछ देर इंतजार करके पत्नी वाला बाई को पैदल ही अंदर ले जाने लगे।

इस दौरान प्रसव पीड़ा ज्यादा बढ़ने से खुले परिसर में ही प्रसव कराना पड़ा। मदद के लिए अस्पताल की तरफ से डॉक्टर, स्टाफ नर्स या अन्य स्टाफ नहीं आया। हालांकि अस्पताल में इस असुरक्षित प्रसव से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन अस्पताल की बदहाल फिर से सामने आ गई है। वहीं डॉक्टर संतोष भार्गव का कहना है कि सूचना मिलते ही जच्चा-बच्चा को वार्ड में शिफ्ट करा दिया है।

जननी एंबुलेंस एक घंटे देरी से आई

अरुण परिहार का कहना है कि शनिवार की सुबह पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस मंगवाने कॉल लगाया। सूचना के 1 घंटे देरी से एंबुलेंस आई। रास्ते में कोलारस के नजदीक पहुंचे तो ज्यादा प्रसव पीड़ा होने लगी, इसलिए कोलारस अस्पताल में भर्ती कराने का आग्रह किया, फिर भी एंबुलेंस स्टाफ ने एक नहीं सुनी।

जिला अस्पताल लाए तो स्ट्रेचर नहीं था और वार्ड ब्वॉय भी उपलब्ध नहीं था। प्रसव के वक्त अस्पताल स्टाफ के लोग आते-जाते देखते रहे, लेकिन अपने ड्यूटी को महत्व देने वाले कर्मचारियों में से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।
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