SHIVPURI NEWS- जेल में बंद कैदियों को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर: कैदियों को फर्नीचर का प्रशिक्षण

Bhopal Samachar
शिवपुरी। अपने किसी अपराधवश जिला सर्किल जेल में बंद कैदियों के जीवन को बदलने का प्रयास सर्किल जेल अधीक्षक रमेश चंद आर्य के द्वारा किया जा रहा है। यहां पदभार ग्रहण करने के बाद जेल अधीक्षक रमेश चंद आर्य ने पाया कि जेल में बंद कैदी जहां अपने अपराध की सजा काट रहा होता है तो वहीं वह दिन भर जेल में बंद रहकर अन्य कार्यों के बारे में नहीं सोच पाता, ऐसे में इन कैदियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए कैदियों को निशुल्क सिलाई और फर्नीचर प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य प्रारंभ किया गया।

जहां सिलाई के रूप में जैकेट का निर्माण कैदी कर रहे है तो वहीं फर्नीचर के रूप में भी उन्हें सामग्री और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए गए है। सर्किल जेल अधीक्षक रमेशचंद आर्य ने बताया कि जेल में रहने वाले कैदी भी स्वावलंबी और रोजगार मूलक कार्यों को सीखकर जब जेल से बाहर जाएंगे तो उन्हें अपने घर-परिवार के लालन-पालन में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, अपने हुनरमंद प्रशिक्षण से वह एक नए जीवन की शुरुआत करेंगे और पूरे सम्मान के साथ घर-परिवार और समाज में जीवन जी सकेंगें।

इन कैदियों के द्वारा जो हॉफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है वह पूरे प्रदेश के 19 हजार कैदियों के लिए भेजी जाएगी, इसमें रीवा से ही 1000 जैकेटों का ऑर्डर मिला है जिसमें 450 उपलब्ध कराई जा चुकी है शेष जैकेट बनाकर भी शीघ्र प्रदाय की जाएगी, इसके अलावा जैकेट प्रदेश भर की अन्य जेलों में भी आवश्यकता अनुरूप भेजी जाएंगी। कैदियों के द्वारा बने हुए फर्नीचर का उपयोग सबसे पहले सर्किल जेल में ही उदाहरण के तौर पर बनाकर दिखाया गया है।

जिससे उसकी क्वालिटी, गुणवत्ता और मानक देखे जा सकें, इसके बाद यहां से बनने वाले फर्नीचर, टेबिल, कुर्सी, बड़ी टेबिल व अन्य फर्नीचर सामग्री का भी निर्माण कर प्रदेश की जेलों में भेजा जाएगा व अन्य स्थानों पर भी आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध कराया जाएगा। यहां जेल अधीक्षक श्री आर्य ने बताया कि अभी कैदियों के लिए बदरवास से प्रशिक्षक आकर प्रशिक्षण प्रदाय कर रहे है भविष्य में यही कैदी प्रशिक्षण लेने के बाद अन्य कैदियों को प्रशिक्षित करेंगें।

इनका कहना है-
हमने जेल में बंद कैदियों के लिए एक अभिनव पहल की है जिसमें कैदियों को अभी सिलाई और फर्नीचर का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे है भविष्य में अन्य जनुपयोगी प्रशिक्षण भी प्रदाय किए जाएंगे ताकि जेल से बाहर कैदी भी अपना सामान्य जीवन सिर उठाकर समाज में जी सके।
रमेश चंद आर्य, जेल अधीक्षक, सर्किल जेल, शिवपुरी
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