Shivpuri News- जायका होटल संचालक विक्रम त्रिवेदी पर इस कारण दर्ज हुआ मामला, पढ़िए क्या होती है धारा 120 बी

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एक्सरे ललित मुदगल @ शिवपुरी।
शिवपुरी के जायका होटल में 21 फरवरी को कमरा नंबर 101 में नाबालिग के साथ बलात्कार हुआ था। कोतवाली पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर 23 फरवरी दो आरोपियों पर मामला दर्ज किया था एवं होटल संचालक भूमिका को संदिग्ध मानकर उसके खिलाफ भी जांच शुरू कर दी थी। आज कोतवाली पुलिस ने इस होटल संचालक विक्रम त्रिवेदी को इस बलात्कार कांड का सहआरोपी बनाते हुए धारा 120बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

होटल संचालक विक्रम त्रिवेदी पर मामला दर्ज होते ही वह भूमिगत हो गया है कोतवाली पुलिस ने आज मामला दर्ज करने के बाद होटल और घर पर दबिश दी तो विक्रम त्रिवेदी नही मिला। मामला दर्ज होने के बाद विक्रम फरार हो गया। पुलिस ने विक्रम की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए है।

यह खबर शहर में चर्चा का विषय बन रही है वही आमजन जानने को उत्सुक है कि पुलिस ने विक्रम त्रिवेदी पर किस आधार पर मामला दर्ज किया है,क्या जांच पुलिस ने की है साथ में धारा 120 बी क्या होती है। पुलिस ने अपनी विवेचना में पाया कि 21 फरवरी को होटल के रजिस्टर में बलात्कार के आरोपी धर्मेंद्र ओड और अमन की कोई भी एंट्री नही है,फिर कैसे यह आरोपी नाबालिग को लेकर रूम तक पहुंच गए। विक्रम त्रिवेदी ने ऐसी किसी भी घटना की सूचना पुलिस को नही दी।

वही होटल में किसी भी प्रकार के कैमरे नही लगे है। जिससे माना गया कि इस प्रकार की गतिविधि में होटल संलिप्त रहता है। ग्वालियर बायपास में लगे कैमरे में आरोपी नाबालिग को बाइक पर लाते ले जाते कैमरे में कैद हुए है। वही होटल संचालक ने एक नाबालिग को लडको के साथ जाने की परमिशन कैसे दी।

बलात्कार के आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि होटल संचालक ने होटल के रूम के एक निश्चित रकम से दोगुनी रकम ली और इस ऐवज में कोई भी दस्तावेज की डिमांड नही की। होटल का रूम केवल डेढ़ घंटे के लिए ही उपयोग किया गया था।

यह होती है धारा 120बी

अपराध को छुपाने में सहयोग करने पर यह धारा लगाई जाती है। आम भाषा में कह सकते है कि किसी अपराध को आंखो से देखकर उसे अनदेखा करना,और वह अपराध जो आपके सहयोग के बिना संभव नही था। दोनो ही बाते सत्य है कि कमरे नंबर 101 में नाबालिग का बलात्कार हो रहा था।

होटल संचालक किसी भी प्रकार का एक्शन नही लिया वही दूसरा यह अपराध होटल के संचालक के बिना सहयोग के कारित नही हो सकता था,अगर होटल संचालक पैसो के लालच में रूम नही देता तो यह बलात्कार की घटना घटित नही होती। इस धारा में वह सजा होटल संचालक को होगी जो इस बलात्कार के मामले में बनाए गए आरोपियों को होगी। कानून की भाषा में लिखे तो किसी भी मामले में दर्ज किए अपराध मे बनाए गए आरोपी के बराबर की सजा का प्रावधान है।
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