श्रीमंत राजे साहब, शिवपुरी की बारी कब आएगी, इतना भी मत भुलाइए - Khula Khat

Bhopal Samachar
हम शिवपुरी के लोग
, इन दिनों बड़ा अजीब सा फील कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में विकास यात्रा चल रही है। हर मंत्री, हर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार विकास यात्रा में शामिल है परंतु शिवपुरी विधानसभा जैसे लावारिस पड़ी हुई है। अपनी विधानसभा के प्रति इतनी बेरुखी भी अच्छी बात नहीं है। 

मध्य प्रदेश के ज्यादातर मंत्री अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी विधानसभा में बिताते हैं। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा हर सप्ताह कम से कम 2 या 3 दिन अपनी विधानसभा में रहते हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उत्तराधिकारी कार्तिकेय चौहान अपना सारा काम धंधा छोड़ कर 24X7 बुधनी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं। एक बस हमारी ही विधायक हैं, जिन्हें अपनी विधानसभा पसंद नहीं। विधानसभा के लोग अच्छे नहीं लगते। 

पिछले दिनों खेलो इंडिया चला। हम सबने सोचा चलो बड़ा काम है। मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। हमारी विधायक के कंधों पर जिम्मेदारी है। इसमें कोई शक नहीं कि आपने बहुत अच्छी जिम्मेदारी निभाई है। खेलो इंडिया की प्रशंसा सबने की है। हमें भी प्राउड फील हुआ। पूरी उम्मीद थी कि, अब आप शिवपुरी का रुख करेंगी। जैसा शानदार प्रदर्शन खेलो इंडिया में हुआ है बिल्कुल वैसा ही शिवपुरी में दिखाई देगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उल्टा आज आपने एक अपडेट दिया है, अब है शूटिंग वर्ल्डकप की बारी!। 

बड़ा, कन्फ्यूजन का हो रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे आप खिलाड़ी कोटे से विधायक बन गई है। शिवपुरी वालों की तो कोई वैल्यू ही नहीं है। आपने जिन लोगों के हवाले हमको कर दिया है, आप भी समझती है कि वह पर्याप्त नहीं है। हाल ही में आपने भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम को रातों-रात वर्ल्डक्लास बना दिया। बस इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही है कि, इतने सारे सालों में शिवपुरी को वर्ल्ड क्लास क्यों नहीं बनाया। 

पहले शिवपुरी के लोग साल में एक बार ग्वालियर मेला और साल में एक बार गोवर्धन की परिक्रमा करने जाया करते थे परंतु अब जमाना बदल गया है। शिवपुरी के लोग सारी दुनिया में घूम रहे हैं। मध्य प्रदेश की दूसरी विधानसभा में काम होते हुए देख रहे हैं। जब हम किसी दूसरे विधायक को देखते हैं तो गर्व से सीना फूल जाता है कि आप हमारी विधायक हैं लेकिन जब हम किसी दूसरी विधानसभा में विकास कार्यों को देखते हैं.....। कुछ तो दया करो।