Shivpuri News- क्राइम सीन ने बता दिया चोरो तक पहुंचने का रास्ता, पढिए आधे नंबर से कैसे पहुंची पुलिस मूर्तियों तक

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शिवपुरी।
शिवपुरी शहर के देहात थाना अंतर्गत गुरुद्वारे के पास स्थित छत्री जैन मंदिर से 3 दिन पूर्व चोरी हुई अष्टधातु की 2 प्रतिमाओं को पुलिस ने बरामद करते हुए 5 चोरों को दबोच लिया है और अभी इस चोरी काण्ड में शामिल दो चोर फरार बताए जा रहे। 

चोरों ने जिस तरह इस चोरी कांड को अंजाम देते हुए मंदिर से चोरी कर बहार जाने के लिए मंदिर का पीछे का रास्ता सावर पार्क का सिलेक्ट किया था और सिर्फ टारगेट वाली मूर्तियों वाले जिनालय के गेट तोडे थे इस क्राईम सीन से यह समझ आ गया था कि चोर स्थानीय है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से इन चोरों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। मूर्ति चोरी करने वाले गिरोह में 3 शिवपुरी,01 करैरा और 3 चोर सागर के है।

जैसा कि विदित है कि 10-11 जनवरी की रात चोर जैन मंदिर से भगवान आदिनाथ व शांतिनाथ की मूर्तियों के अलावा एक चांदी का छत्र व दानपेटी से नकदी चुराकर ले गए थे। चोरो में मंदिर में घुसकर शांतिनाथ जिनालय की शटर उखाड़ कर उसमें रखी अष्टधातु की मूर्तियों को चुरा ले गए और मंदिर से बाहर जाने के लिए मंदिर का पीछे वाले रास्ते का उपयोग करते हुए बाहर निकल गए।

घटना के बाद से पुलिस मंदिर के सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद शहर के गुरुद्वारा चौराहा, माधव चौक, कमलागंज व अन्य स्थानों के फुटेज देखे। इसके बाद पुलिस को फुटेज में चोर की बाइक का आधा नंबर मिला और उसी के आधार पर पुलिस फिजिकल क्षेत्र स्थित तकिया पहुंच गई। यहां से पुलिस ने वाजिद शाह को पकड़ा और पुलिसिया अंदाज में पूछताछ की तो पूरी घटना सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक 5 आरोपियों वाजिद शाह, कल्लू शाह, इमरान शाह निवासी तकिया शिवपुरी, चंदन रैकवार व इजराइल खान उर्फ राजू निवासीगण रेहली सागर को पकड़ लिया।

जबकि दो आरोपी शहंशाह शाह निवासी करैरा व राजेश गौड निवासी सागर फरार हैं। मामले को ट्रेस करने में फिजिकल थाना प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़, देहात टीआई विकास यादव व कोतवाली टीआई अमित भदौरिया व तीनों थानों में पदस्थ हवलदार व आरक्षकों की मुख्य भूमिका रही।

शातिर चोरों ने पुलिस को गुमराह करने की थी पूरी प्लानिंग

इस चोरी काण्ड में पुलिस ने 3 सागर के चोर पकड़े है। यह चोर स्कॉर्पियो से शिवपुरी आए थे,चोरी करने चोर स्कॉर्पियो से मंदिर क्षेत्र में नहीं गए बल्कि उसे शिवपुरी से बाहर रखकर बाइक से आए। सागर की गाडी अगर कैमरे में कैद होती तो पुलिस आसानी से चोरों का पीछा कर लेती। लेकिन चोरो ने प्लानिंग के साथ स्कॉर्पियो को शहर से बहार रखा,जो चोर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था वह शिवपुरी का नही था सागर का चोर कैमरे में नजर आया है। चोरो ने यहां भी पुलिस को छकाने का प्रयास किया जिससे शिवपुरी की पुलिस आसानी से पहचान न ले,अगर शिवपुरी का चोर मंदिर से मूर्तियां चुराता तो हुलिया से पहचान हो सकती थी।

क्राइम सीन और पीछे का गेट,पुलिस के लिए बना सुराग

चोर सीधे मंदिर में स्थित शांतिनाथ जिनालय में गए और उसकी शटर उखाडी कर जिनालय में प्रवेश करते हुए भगवान आदिनाथ व शांतिनाथ की अष्टधातु की 9 9 इंच की प्रतिमाओ को अपने साथ ले गए। चोर इन प्रतिमाओं को सोने की समझकर चुराकर ले गए थे,चोरो ने सावरकर पार्क का रास्ता चुना। जैन मंदिर का वह रास्ता है जो बहुत कम लोगों की इसकी जानकारी है। एक रास्ते का चुनाव और सीधे चोरों का शांतिनाथ जिनालय में प्रवेश करना। इस पूरे क्राइम सीन से स्पष्ट हा रहा था कि चोर स्थानीय है। इसलिए पुलिस ने चोरी वाली रात कैमरो में कैद हुए वाहनों की बारीकी से जांच की और बाइक के मिले आधे नंबर से गोपनीय तरिके से कमालगंज की ओर पहंंची। वही कैमरे में कैद हुआ आधा बाइक का नंबर भी कमालगंज से मेल हो गया और पुलिस का काम बन गया।

कार्यक्रम में देखी थी मूर्तियां, सोने की समझकर ले गए

तकिया निवासी वाजिद व इमरान ने जैन समाज के कार्यक्रम व मंदिर के अंदर यह मूर्तियां देखी थीं। मूर्तियां को सोने की समझकर इन दोनों ने करैरा निवासी अपने रिश्तेदार शहंशाह को फोन लगाया और फिर सागर के तीन लोगों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम देने की साजिश रची। घटना वाले दिन सागर से तीन लोग चंदन, राजेश व राजू तीनों स्कॉर्पियो वाहन से शिवपुरी आए। यहां से यह बाइक से मंदिर तक पहुंचे और सागर के तीनों युवकों ने मंदिर में घुसकर इस घटना को अंजाम दिया था।

चोर समझ चुके थे यह मुर्तिया सोने की नही, इसलिए करैरा छोड़ा

वारदात के बाद चोर समझ चुके थे कि यह मूर्तियां सोने की नही है इस कारण ही चोरी की गई मूर्तियों को सागर नहीं ले जाया गया। इस काण्ड में शामिल चोर करैरा के शंहशाह के घर करैरा छोड़ गए। शंहशाह ने पहले तो इन प्रतिमाओं को पानी की टंकी में छुपाकर रखा। जब उसे पता चल गया कि शिवपुरी में उसके साथियों तक पुलिस पहुंच चुकी है,इसलिए उसने अपने घर के पास रखी रेत में इन्हे छुपाकर रख दिया। पुलिस ने यही से यह मूर्तियां बरामद की है। शंहशाह और सागर का राजेश अभी फरार है। इन्ही चोरो के पास चोरी किया चांदी का छत्र है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है।
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