जिला अस्पताल शिवपुरी के ब्लड बैंक में ब्लड की एक बूंद भी नही, फ्रिज खराब होने से बैंक में जमा सारा रक्त बेकार- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिला अस्पताल का ब्लड बैंक एक अनोखा ब्लड बैंक होगा जिसमें वर्तमान में एक बूंद भी ब्लड नहीं है। मरीज अब ब्लड के लिए भटक रहे है। दान में मिली चीज खैरात समझ जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण ब्लड बैंक के फ्रिज खराब हो जाने के कारण आधा सैकड़ा यूनिट से अधिक खून खराब हो गया है। रक्तदान महादान का महावाक्य पर दान दिया गया रक्त खराब हो गया। आमजन ने पुण्य कमाने के लिए डोनेट किया गया ब्लड खराब होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने उनका पुण्य भी छीन लिया हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन पहले रात में ब्लड बैंक में खून को सुरक्षित रखने के लिए रखे गए फ्रिज सोम-मंगलवार की दरम्यानी रात अचानक से बंद हो गए। इस दौरान वहां मौजूद स्टाफ ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि ब्लड बैंक के फ्रिज बंद पड़े हुए हैं। इस कारण फ्रिज में रखा हुआ दान में मिला खून पूरी तरह खराब हो गया। अगर चिकित्सकीय स्टाफ समय रहते इस बात पर ध्यान दे देता कि फ्रिज बंद हो गए हैं तो शायद फ्रिज में रखा हुआ खून खराब नहीं होता। जिला अस्पताल के सूत्रों की मानें तो जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के फ्रिज में आधा सैंकडा यूनिट ब्लड रखा हुआ था जो खराब हो गया है।

यह पहला मामला नहीं है जब चिकित्सकीय लापरवाही के कारण खून खराब हुआ है, इससे पहले मेडिकल कालेज में भी चिकित्सकों द्वारा मरीजों से जिला अस्पताल से खून मंगवा कर रखने और फिर मरीज को ब्लड न देने के वजह से खून खराब होने की घटनाएं सामने आई हैं। इस संबंध में जब डा पवन राठौर को फोन लगाए गए तो उन्होंने पहले तो फोन ही अटेंड नहीं किएए फिर बाद में जानकारी लेने के लिए जिला अस्पताल आने के लिए कहा लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने पर भी वह डाटा उपलब्ध नहीं करवा पाए।

वर्तमान में डोनर का खून निकाल कर दे रहे डायरेक्ट

बुधवार को जब नईदुनिया ने दोपहर के समय जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जाकर वर्तमान में स्टोर ब्लड और ब्लड स्टोर किए जाने की व्यवस्था के संबंध में वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ से जानकारी चाही तो बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में एक भी यूनिट ब्लड स्टोर नहीं है। अभी तो डोनर आ रहा है उस डोनर का ब्लड डायरेक्ट निकाल कर संबंधित को दे रहे हैं। अगर किसी मरीज के पास संबंधित ग्रुप का डोनर नहीं है तो रक्त की व्यवस्था हो पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

एक फ्रिज पहले से था खराब

ब्लड बैंक का एक फ्रिज पहले से ही खराब था। इस खराबी को सही करवाने के लिए भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा विशेष प्रयास नहीं किए गए इस कारण यह फ्रिज पिछले 22 दिन से खराब पड़ा हुआ है। इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि उन्होंने संबंधित इंजीनियर को सूचना दे दी है, इसके बावजूद अब तक फ्रिज सही नहीं हुआ है। यहां विचारणीय पहलू यह है कि जब ब्लड बैंक जैसी जगह पर एक फ्रिज पहले से खराब था तो फिर अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसकी वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई, इस मामले में प्रथम दृष्टया तो जिम्मेदारों की लापरवाही स्पष्ट प्रतीत हो रही है। अब देखना होगा कि इतनी बड़ी लापरवाही पर अस्पताल प्रबंधन क्या कार्रवाई करता है।

वकील को भी थमा दी गलत जानकारी

इससे पूर्व जिला न्यायालय में लगाए गए रक्त शिविर के दौरान दान किए गए खून की जानकारी जब न्यायालय की एडवोकेट योगिता ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी तब भी अस्पताल प्रबंधन यह नहीं बता पाया था कि जिला न्यायालय में जो रक्तदान शिविर लगाया थाए उस शिविर में जो खून दान में मिला था वह खून किस.किस को दान में दिया गया था।

जब योगिता को दान में मिले खून की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत भी नहीं दी गई तो उन्होंने राज्य सूचना आयोग में इसकी अपील की। योगिता का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें झूठी जानकारी बनाकर दी है। योगिता के अनुसार जब 4516 नंबर पर अमन बेडिया ने जो ब्लड डोनेट किया था वह बी पॉजिटिव था, जबकि सूचना के अधिकार में जो जानकारी दी गई है उसमें 4516 नंबर के ब्लड डोनर का ब्लड ए पॉजिटिव बताया गया है।

इनका कहना है
.ब्लड बैंक में कितना ब्लड खराब हुआ है इसकी जानकारी डा पवन राठौर पर होगी। मैं अभी उन्हें बोलता हूं कि वह आपको जानकारी दें कि कितना ब्लड खराब हुआ है। ब्लड फ्रिज में आई किसी तकनीकी खामी के कारण खराब हुआ है।
डा आरके चौधरी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
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