मगरमच्छ ने किया युवक पर हमला,सड़क पर चला 10 मिनट तक मुकाबला, युवक का इलाज जारी- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शहर के नालों से सडको पर आ रहे मगरमच्छ अब इंसानो के लिए खतरा बन चुके है। रामपौर दरवाजे के पुल के पास गुरुवार की रात पेशाब कर रहे युवक पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। 10 मिनट तक मगरमच्छ और युवक के बीच संघर्ष चला,युवक की जान बचाने के संघर्ष जीत गया और वह जिंदा हैं। अगर युवक हिम्मत हार जाता तो मगरमच्छ के पेट मे समा जाता। घायल युवक का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज जारी हैं। इस पूरे मामले पर बारीकी से नजर डाली जाए तो लापरवाही नगर पालिका की सामने आती हैं,रामपौर दरवाजे पर रात में अंधेरा हो जाता है। खंभों पर लगी लाइट केवल शोपीस बने हैं।

जानकारी के अनुसार आकाश बाथम पुत्र मदनलाल बथान उम्र 19 साल निवासी महल सराय, आकाश घरों में पेंट करने का काम करता है, गुरुवार की रात आकाश बाथम दो बत्ती क्षेत्र में से काम करने के बाद अपने घर वापस आ रहा था, रात लगभग 11 बजे जब वह रामपौर दरवाजा पुलिया के समीप से गुजर रहा था इसी दौरान पीछे से एक मगरमच्छ ने आकाश पर हमला बोल दिया

मगरमच्छ ने आकाश का पैर अपने मुंह में दबा लिया, मगरमच्छ की लंबाई 5 से 7 फीट बताई जा रही है, इस विशालकाय मगरमच्छ के हमले में युवक बुरी तरह जख्मी जरूर हो गया लेकिन युवक ने साहस दिखाया और 10 मिनट तक मगरमच्छ से संघर्ष करते हुए अपने आपको मगरमच्छ का निवाला बनने से बचा लिया, घायल युवक के पैर से खून निकलना बंद नही हो रहा था, जैसे तैसे युवक अपने घर पहुँचा, आकाश को लहूलुहान अवस्था में उसके परिजनों द्वारा उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया हैं।

दोस्तों के साथ जा रहा था घर’

आकाश ने जानकारी देते हुए बताया है कि रामपौर दरबाजे पर नाले के समीप वह बाथरूम करने रूक गया था और उसके दोस्त आगे निकल गए थे, आकाश का कहना है कि जब वह बाथरूम करने के बाद आगे की ओर बढ़ा तो इसी दौरान मगरमच्छ ने पीछे से उसके दाहिने पैर के घुटने के पीछे बाले हिस्से को अपने मुंह में दबा लिया।

मगरमच्छ के हमले में आकाश पहले तो दर्द से तड़प उठा और चिल्लाने लगा, लेकिन रात अधिक होने के कारण जब कोई भी व्यक्ति मदद के लिए मौके पर आता दिखाई नही दिया तो युवक ने खुद ही साहस दिखाते हुए मगरमच्छ से संघर्ष किया और अपने आपको बचाया।

अंधेरे के कारण हुआ हादसा’

जिस स्थान पर आकाश बाथम पर मगरमच्छ ने हमला बोला है उस स्थान पर अंधेरा पडा हुआ था, अंधेरे में आकाश को मगरमच्छ दिखाई नहीं दिया, साथ ही इसके अलावा रामपौर दरवाजे की पुलिया पर नगर पालिका के अमले द्वारा तार फेंसिंग नहीं कराई गई है, जिसके चलते नाले में से मगरमच्छ बाहर निकलकर आम रास्ते पर आ बैठते हैं और वह मौका पाकर राहगीरों पर हमला भी कर देते है।

मेडिकल कॉलेज की लापरवाही आई सामने’

मगरमच्छ के हमले में घायल आकाश बाथम को उसके परिजनों द्वारा उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ ड्यूटी डॉक्टर ने आकाश का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे घर की ओर रवाना कर दिया जबकि आकाश और उसके परिजन कहते रहे कि आकाश की हालत ठीक नहीं है, बावजूद इसके कॉलेज स्टाफ द्बारा जबरन आकाश को घर भेज दिया गया, युवक पूरी रात घर में दर्द से कहराता रहा और उसकी हालत बिगड़ती गई।

सुबह एक बार फिर आकाश के परिजनों उसे मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने घायल युवक को भर्ती करते हुए उ उपचार शुरू किया, आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर और स्टाफ द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए मनमानी की जा रही है जिसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं।

रिहायशी क्षेत्रों में पहुँच रहे हैं मगरमच्छ’

शिवपुरी में मगरमच्छों की संख्या बहुत अधिक है, बारिश के मौसम में नाले उफान पर आने के बाद मगरमच्छ रिहायशी क्षेत्र में भी पहुंच रहे हैं, पिछले दिनों जब बारिश हुई थी तब एक विशालकाय मगरमच्छ जिसकी लम्बाई लगभग 12 फिट थी, यह मगरमच्छ पुराने बस स्टैंड क्षेत्र स्थित कॉलोनी में पहुँच गया था,बाद में इसे नेशनल पार्क टीम ने रेस्क्यू कर जलाशय में छोड़ा था।
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