Shivpuri News- दलों से अधिक दमदार दिखे निर्दलीय प्रत्याशी,निर्दलीय निभा सकते हैं किंग मेकर की भूमिका

Bhopal Samachar
अशोक कोचेटा@ शिवपुरी। नगर पालिका शिवपुरी के पार्षद पदों हेतु इस बार आश्चर्यजनक रूप से बहुत कम मतदान हुआ है। किसी भी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को नहीं मिली। 39 वार्डों में कुल मिलाकर 66 प्रतिशत ही मतदान हुआ। जबकि नगर पालिका चुनाव में कम से कम 75 से 80 प्रतिशत तक मतदान होता था। कम मतदान होने से स्पष्ट है कि इस बार नगर पालिका चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदाताओं में उत्साह नहीं था।

बुद्धिजीवी और प्रबुद्ध मतदाताओं ने मतदान करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। पहली बार नगर पालिका चुनाव में लगभग सभी वार्डों में जमकर शराब बंटी और एक-एक वोट के लिए 5-5 हजार रूपए तक देने के समाचार सामने आए। इसके बावजूद भी कम मतदान होने से आश्चर्यजनक परिणाम निकलने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। यह भी संभव है कि इस बार मतदाता अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए दलों पर ध्यान न देकर उम्मीदवारों की छवि पर ध्यान देगा।

नगर पालिका शिवपुरी के चुनाव में इस बार भाजपा के लिए कोई चुनौती नजर नहीं आई। कांग्रेस तो मानो मुकाबले में ही नहीं थी। अंतिम क्षण में कांग्रेस संगठन ने अपने प्रत्याशियों का चुनाव किया और वार्ड नम्बर 19 में तो कांग्रेस उम्मीदवार ही खड़ा नहीं कर पाई। कांग्रेस संगठन पर यह भी आरोप लगा कि उसने कई वार्डों में कमजोर उम्मीदवार उतारे और जीतने योग्य प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिया। चुनाव प्रचार से भी कांग्रेस के स्थानीय संगठन ने दूरी बनाकर रखी और प्रत्याशियों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया।

इससे कांग्रेस प्रत्याशियों की स्थिति लगभग निर्दलीय उम्मीदवारों के समान रही और उन्होंने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ा। जबकि भाजपा ने पूरी दमदारी से नगर पालिका शिवपुरी के चुनाव में भाग लिया। पार्टी के स्थानीय संगठन के अलावा प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का 5 दिन तक शिवपुरी में कैम्प रहा और वह लगभग दो दर्जन वार्डों में घूमीं और उन्होंने जनसम्पर्क किया। कई बैठकों में भी उन्होंने भाग लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि की पूंजी भी भाजपा के पास थी। इससे ऐसा लग रहा था कि इस बार नगर पलिका चुनाव में शायद भाजपा को अधिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और भाजपा को आसानी से बहुमत मिल जाएगा। लेकिन कम मतदान होने से भाजपा की चिंताएं बढ़ गई हैं। कम मतदान होने से किसकी संभावनाएं प्रभावित होंगी यह एक बड़ा सवाल है।

नगर पालिका शिवपुरी का पिछले 10 साल का कार्यकाल बहुत खराब रहा है। इनमें एक बार भाजपा और दूसरी बार कांग्रेस का नगर पालिका अध्यक्ष रहा। हालांकि पिछली बार चुने गए कांग्रेस के नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह अब भाजपा में ही हैं। 2009 से 2014 तक नगर पालिका पर भाजपा की श्रीमती रिशिका अष्ठाना काबिज रहीं। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बाद भी उस कार्यकाल में जनता खासी परेशान रही।

नगर पालिका के गुणवत्ताविहीन कार्य हुए और डाली गईं सड़कें 6 माह में ही उखड़ गईं। उस कार्यकाल में सिंध जलावर्धन कार्य में भी कोई प्रगति नहीं हुई और सीवेज प्रोजेक्ट के कारण शहर की सारी सड़कें खोद दी , जिससे जनता परेशान रही। इस कारण अगले कार्यकाल में जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशी मुन्नालाल कुशवाह को नपाध्यक्ष चुना और उनका कार्यकाल नगर पालिका के इतिहास का सबसे खराब कार्यकाल रहा। उपलब्धि के नाम पर उस कार्यकाल में कोई ऐसा काम नहीं हुआ।

जिस पर कांग्रेस और मुन्नालाल कुशवाह गर्व कर सकें। स्पष्ट है कि जनता ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के कार्यकाल को देखा है और इसी उदासीनता के कारण शायद इस बार कम मतदान हुआ है। ऐसी स्थिति में यह संभावना व्यक्त की जा रही कि अब इस बार मतदाता उम्मीदवारों का चयन उनकी पार्टी के आधार पर नहीं बल्कि छवि के आधार पर करेंगे। यदि ऐसा हुआ तो आश्चर्यजनक परिणामों की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

कई वार्डों में ऐसे प्रत्याशी भी जीत सकते हैं, जिन्हें जीत की दौड़ में नहीं माना जा रहा। सवाल यही है कि क्या इस बार नगर पालिका परिषद शिवपुरी का एक नया चेहरा देखने को मिलेगा। क्या जनता इस बार एक नया प्रयोग करने जा रही है। इस सवाल का उत्तर हमें 20 जुलाई को मिलेगा। जिसका अब सभी को इंतजार है।

क्या निर्दलीय पार्षदों का रहेगा इस बार परिषद में बोलबाला

नगर पालिका शिवपुरी के मतदान समाप्त होने के बाद अब यह चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। हालांकि कांग्रेस की तुलना में इस चर्चा में भाजपा का पलड़ा भारी है।

जन चर्चा है कि 39 पार्षदों में से भाजपा 12 से 18 सीटों पर कब्जा कर सकती है। जबकि कांग्रेस 6 से 8 सीटें प्राप्त कर सकती है। कई वार्डों में ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं जो भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं और उनका पलड़ा भारी है। जीतने के बाद वह भाजपा में आ सकते हैं, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही हैं। निर्दलीय प्रत्याशी 10 से अधिक वार्डों में आगे बताए जा रहे हैं।

मतदाताओं को प्रलोभित करने वाले प्रत्याशियों को आईना दिखाएगी जनता?

नगर पालिका शिवपुरी में अच्छे पार्षद चुनकर आए हैं। इसके लिए आवश्यक है कि इस चुनाव में जिन-जिन प्रत्याशियों ने मतदाताओं को प्रलोभित किया। उनके धर्म, ईमान को खरीदने की कोशिश की। उन्हें शराब से लेकर नोटों से खरीदने का प्रयास किया। क्या ऐसे प्रत्याशियों को मतदाता आईना दिखाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो नगर पालिका शिवपुरी इस बार वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की इच्छा के अनुरूप नये लुक में नजर आ सकती है।
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