करैरा। राजनीति का आखडा बना चुके करैरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बहुत ही कम समय में 3 BMO बदल चुके हैं,लेकिन नहीं बदली तो करैरा अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाए। अस्पताल में 6 डॉक्टरों के पद खाली है और कोई भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। करैरा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जिस पर करैरा जनपद के लगभग 150 गांवों के लोगों के इलाज करने की जिम्मेदारी हैं फोरलेन हाईवे होने के कारण एक्सीडेंट केस भी अधिक आते हैं,लेकिन यहां मरीजो का एक्सरे कराने की सुविधा नहीं है।
महिलाओं के लिए महिला डॉक्टर जरूरी
करैरा अस्पताल पर स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में महिला डॉक्टर का होना बेहद जरूरी है। क्योंकि सामान्यता महिलाएं अपनी हर बीमारी के बारे खुलकर पुरुष डॉक्टर को नहीं बताती हैं। जिसके कारण सही समय पर इलाज न होने से उनका मर्ज बिगड़ जाता है और आगे चलकर उन्हें ऑपरेशन जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ जाता है। इसी तरह बच्चों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर होना जरूरी है क्योंकि कई बार जनरल फिजिशियन बच्चों की बीमारी को ठीक ढंग से नहीं पकड़ पाता और सामान्य बुखार आगे चलकर मलेरिया, टाइफाइड बन जाता है।
आठ डॉक्टर लेकिन डॉक्टर केवल 2 डॉक्टर ही
करैरा सीएससी पर कुल आठ पद डॉक्टर के हैं, जिनमें से सिर्फ 2 पद ही भरे हैं। जहां तक विशेषज्ञ डॉक्टर का सवाल है तो स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ का पद यहां बीते लंबे समय से खाली है। यहां जो दो डॉक्टर हैं, उनमें एक बीएमओ हैं , जो अधिकांश शासकीय बैठकों व अन्य शासकीय कार्यो में व्यस्त रहते है। वहीं एक और डॉक्टर हैं जिनकी ड्यूटी करैरा के अलावा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग अलग दिन लगा दी गई है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यह डॉक्टर कहीं भी अपनी सेवाएं ठीक ढंग से नहीं दे पा रहे हैं।
रेडियोग्राफर न होने से नहीं होते एक्सरे
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करैरा पर एक्सरे मशीन तो लग गई है, लेकिन यहां रेडियोग्राफर का पद खाली पड़ा है। इस स्थिति में करैरा अस्पताल में किसी का कोई एक्सरे नहीं हो पाता है। सबसे ज्यादा वह लोग परेशान होते हैं जो कि दुर्घटनाओं में घायल होने के साथ उनके हाथ या पैर में फ्रैक्चर आ जाता है। ऐसे में घायल मरीजों को एक्सरा कराने के लिए या तो निजी सेंटरों पर जाना पड़ता है या फिर जिला पहुंचना पड़ता है।
वहीं करैरा स्वास्थ्य केन्द्र में एक्सरा न होने के चलते करैरा सहित क्षेत्र के थाना दिनारा, सुरवाया, अमोला, सीहोर, पुलिस चौकी आमोलपठा, थनरा, सुनारी आती हैं। यहां की पुलिस लड़ाई झगड़े व एक्सीडेंट के मामलों में लोगों की एमएलसी कराने करैरा अस्पताल लाती है लेकिन यहां एक्सरे मशीन न होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे स्थिति में न सिर्फ मरीज को परेशानी आ रही है बल्कि पुलिस का कीमती समय व आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।