कोलारस। जिले में कोलारस में इन दिनों विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी सुर्खियों में है। क्योंकि इन दिनों वीरेन्द्र रघुवंशी को कोलारस क्षेत्र की कुछ चिन्हित उसके पुराने साथी ही अब उनके साथ बगावत पर उतारू है। लगातार सोशल मीडिया पर यह वीरेन्द्र रघुवंशी को घेर रहे है। यह सोशल मीडिया पर गुल्ला ठौंक नामक हैज टैक के साथ अप्रत्यक्ष रूप से वीरेन्द्र रघुवंशी पर बार कर रहे है। इसी बीच कल का मामला वीरेन्द्र रघुवंशी के पुराने साथी रहे और अब उनके विरोधी हुए जगदीश जादौन सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे है। जिसमें वह कोलारस क्षेत्र से अन्य विधानसभा में शिफ्ट हुए पौधा रोपण को लेकर वीरेन्द्र रघुवंशी को घेर रहे है।
क्या है मामला
दरअसल कोलारस वन परिक्षेत्र में दो साल पहले 10 साइट का चुनाव पौधारोपण के लिए किया गया था। इसमें 40 से 50 हेक्टेयर की हर साइट थी। इसे तत्कालीन सीसीएफ वायपी सिंह ने चिन्हित कर स्वीकृत किया था। अब जब इसके लिए कैंपा से बजट स्वीकृत हुआ तो इन सभी 10 जगहों को बदल दिया गया। अचानक से यह जगह वन विभाग को पौधारोपण के लिए मुफीद नहीं लग रही हैं जबकि दो साल पहले तक यह पौधारोपण के लिए सटीक जगह थीं।
इन दो सालों में साइट में कोई विशेष बदलाव भी नहीं आया, लेकिन जगह बदल दी गई। कोलारस में होने वाले सभी 10 प्रोजेक्ट को दूसरी तहसीलों में शिफ्ट कर दिया गया है। इसे लेकर इंटरनेट मीडिया पर कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई।
जानकारी के अनुसार साल 2020-21 में केन बेतवा लिकं परियोजना के तहत चार और आरडीएफ वृक्षारोपण के तहत छह जगहों पर कुल 470 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण होना था। उस समय पहले वर्ष के लिए अनुमानित राशि 50 से 60 लाख और कुल राशि 1.5 से 2 करोड़ रुपये तक थी। इसमें बीटगार्ड से लेकर रेंजर, डिप्टी रेंजर एसडीओ और डीएफओ के निरीक्षण प्रतिवेदन द्वारा बड़ी मेहनत करके स्थल चयन किया गया था।
इसके चयन के बाद अब कैम्पा ने बजट को स्वीकृति दे दी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता। इसमें भुगतान भी प्रतिसप्ताह के हिसाब से हो जाता है। लेकिन कार्यालय वन मंडलाधिकारी शिवपुरी के पत्र क्रमांक/व्यय/2992 दिनांक 20 मई को मुख्य वन संरक्षक शिवपुरी को लेख किया और प्रतिलिपि पृष्ठ क्रमांक/ व्यय/2022/2773 अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा) भोपाल को स्थलों के परिवर्तन के लिए भेजी गई।
चार दिन बाद ही स्थान परिवर्तन को स्वीकृत भी कर दिया गया। अब कोलारस में एक भी प्रोजेक्ट शेष नहीं बचा और सीधे 10 से शून्य पर आ गया। यह प्रोजेक्ट पिछोर, करैरा, सतनवाड़ा, पोहरी रेंज में चले गए।
इस तरह बदली स्थिति
वन मंडल शिवपुरी के अंतर्गत वित्ती वर्ष 2022-23 में कैम्पा से आपके परिक्षेत्र अंतर्गत निम्नानुसार 10 स्थल प्रस्तावित थे जिनमें केन वेतवा लिंक परियोजना मानकपुर पी-1229, 1230, पिपरा पी-1183, इचौनिया आर-280, मोहम्मदपुर पी-1230, आरडीएफ वृक्षारोपण रामपुर पी-1171, पिपरा पी-1183, मकरारा पी-1179 रकवा 40, टोडा पी-1178, बेरसिया आर-96, 97, टीला आर-85 में प्लांटेशन स्वीकृत किया गया था। अब इन जगहों को बदलकर वन परिक्षेत्र पिछोर पी-1141, 1142, करैरा आर-454, करैरा आर 449, पिछोर पी-1103, पोहरी पी-790, पोहरी पी 815, पोहरी पी-701, पोहरी पी-804, सतनबाड़ा पी-871, सतनबाड़ा पी 884 कर दिया गया है। जिसे स्वीकृति भी मिल चुकी है।
स्थल निरीक्षण किया तो क्यों नहीं लगाया प्रतिवेदन
इसमें आरोप लगाए जा रहे हैं कि जब 10 स्थलों का परिवर्तन किया गया तो इसके लिए अधिकारियों ने निरीक्षण किया होगा। इस निरीक्षण के प्रतिवेदन के आधार पर ही स्थल परिवर्तित करने की अनुशंसा की गई होगी। इन पत्रों के साथ प्रतिवेदन नहीं लगाया गया है। कोलारस के स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा बिना निरीक्षण किए ही प्रोजेक्ट कोलारस से हटा दिए गए। यह सोच समझकर किए गए हैं और अपनी पसंदीदा जगह को दे दिए जिसमें कुछ स्वार्थ नजर आता है।
इनका कहना है.
पहले जो प्रस्ताव भेजा गया था उसमें जगह का परिवर्तन किया गया है। जो जगह पहले चिन्हित थीं वह लंबे समय के लिहाज से पौधरोपण के लिए ठीक नहीं लगी। वन विभाग का तीन लाख हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्र है। दूसरी जगह अधिक उपयुक्त थीं तो प्रोजेक्ट वहां के लिए दे दिए गए। पौधारोपण तो शिवपुरी वन क्षेत्र में ही होगा।
मीना कुमारी मिश्रा, डीएफओ शिवपुरी।