शराब की सोम कंपनी के लिए अघोषित प्रोटेक्शन एक्ट लागू, राम राज्य में शराब की जीत है नियम नशे में और अधिकारी मस्त- Shivpuri News

Bhopal Samachar
एक्सरे@ललित मुदगल शिवपुरी। शराब माफियाओं को सरकारी संरक्षण देने के लिए सरकार ने अघोषित रूप से प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर दिया हैं,एक दारू की दुकान को बचाने के लिए आबकारी अधिकारी ने मंदिर को भी अवैध शब्द से निरूपित कर दिया,वन भूमि पर शराब का शोरूम खुल गया। वन विभाग की डीएफओ मेडम को पता तक नही। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करानी चाही गई तो शराब से जुड़ी शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है। कुल मिलाकर भाजपा के रामराज्य में शराब की जीत है नियम नशे में हैं और अधिकारी वन भूमि का किराया वसूल कर मस्त हैं। आइए इस अघोषित सरकारी प्रोटेक्शन एक्ट का एक्सरे करते हैं।

पहले समझे क्या हैं मामला

गुना बाईपास से लेकर चिंकारा तक वनभूमि हैं,इस वन भूमि पर भोपाल की सोम कंपनी ने अपना शराब का शोरूम खोल लिया। अगर भारत सरकार के नियमों को समझें तो वन भूमि पर किसी भी प्रकार की कमर्शियल एक्टिविटी नहीं कर सकते,यहां तक अनाधिकृत प्रवेश भी वर्जित हैं,लेकिन यहां हाइवे के किनारे स्थित वन भूमि पर शराब का शोरूम तान दिया। जब मीडिया ने यह मामला उठाया तो रेंजर गोपाल जाटव ने जमीन खाली करने का नोटिस दे दिया,लेकिन माना जा रहा है कि यह नोटिस सिर्फ कागजी खानापूर्ति करने को हैं शराब की दुकान को हटाने के लिए। नोटिस की समय अवधि 15 दिन बताई जा रही हैं वह भी निकल गई।

डील क्रेक नहीं हो सकी 2 लाख रुपए प्रतिमाह की

जानकारी मिल रही हैं कि गुना बाईपास पर निकाली गई सोम कंपनी की शराब की दुकान इससे पूर्व सामने की ओर खुल रही थी लेकिन दुकान मालिक ने 2 लाख रूपए महिने किराया मांगा,सोम कंपनी दुकान का मासिक किराया इससे कम में चाह रही थी,इस कारण ही वन भूमि पर शराब का शो रूम खोल लिया गया,यह शोरूम सीधा सीधा वन विभाग की पोल खोल रहा है। अब यह भी तय हैं कि वन भूमि खोली गए शराब के शोरूम का किराया अब वन विभाग के अधिकारी वसूल रहे हैं इस कारण ही इस अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा हैं

प्रोटेक्शन एक्ट:राम राज्य में दारू की दुकान वैध,मंदिर अवैध

मप्र में लगता है कि सरकार ने शराब माफियाओं को प्रोटेक्शन एक्ट शुरू कर दिया हैं। शिवपुरी में सोम कंपनी को पूरा सरकारी संरक्षण दिया जा रहा हैं सोम कंपनी की गुरूद्ववारा वाली शराब की दुकान को बचाने के लिए हनुमान मंदिर को आबकारी अधिकारी ने अवैध तक कह दिया कि मंदिर अवैध है और दारू की दुकान वैध हैं,यह है भाजपा का राम राज्य.......

नहीं हो सकी 181 पर सोम कंपनी की शिकायत

शिवपुरी के एक जागरूक नागरिक ने इन दोनों मामलों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन 181 पर करनी चाही गई तो इन दोनों शिकायतों को दर्ज नहीं किया गया। कहा गया कि यह दोनों मामलों पर मांग की जा रही हैं आप स्थानीय स्तर पर शिकायत दर्ज कराए,इस जागरूक नागरिक का कहना है कि जल्द ही इस मामले को न्यायालय में लेकर जाऐंगें।

क्या वन भूमि का किराया वसूल रहे है वन विभाग के अधिकारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दुकान का वन विभाग के जिम्मेदार एक लाख मासिक किराया वसूल रहे हैं और इस कारण ही इस शराब के शोरूम को संरक्षण दिया जा रहा हैं कागजी खानापूर्ति करने के लिए नोटिस दिया गया,नोटिस की समय सीमा निकल चुकी हैं,लेकिन नोटिस का जबाब अभी तक शराब कंपनी ने नहीं दिया है। वन विभाग जंगल में वन भूमि पर वने 1 कमरे को तोड़ने के लिए अपना पूरा लाव लश्कर ले जाता है लेकिन शहर के बाईपास पर हुए इस अतिक्रमण को हटाने के लिए वन विभाग का अमला पता नहीं कहां गायब हो जाता हैं समझ से परे हैं।

अब अंत में डीएफओ को मामले की जानकारी नहीं

अधिकारी से जब मीडिया किसी मामले की जानकारी चाहती हैं तो अधिकारियों का वही पुराना जबाव। इस मामले में जब डीएफओ शिवपुरी से बातचीत की गई तो मेडम ने की मामला आपके द्वारा बताया गया हैं,अभी इस मामले को दिखा लेती हूं,अगर वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं तो इस अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा

सवाल इस मामले में कई उठते हैं कि जैसा कि डीएफओ मेडम ने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है,लेकिन इससे पूर्व यह मामला कई बार मीडिया उठा चुकी है,जब वन भूमि की सुरक्षा के लिए वन गार्ड एक पोस्ट होती हैं,यह भी सत्य हैं कि यह दुकान जादू से प्रकट नहीं की,इसको बनाया गया होगा,इसमें फर्नीचर लगा है,शराब की बोतलों से सजाया गया हैं यह काम एक दम से नही होता है कम कम दो या तीन लगते है जब वीट गार्ड को यह दुकान नहीं देखी,या देखी नहीं गई। अधिकारी प्रतिदिन इस मार्ग से निकलते हैं तो उन्हें यह अतिक्रमण नहीं दिखा समझ से परे हैं।
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