शिवपुरी। खेती को लाभ का धंधा बनाने का नारा भाजपा सरकार दे रही हैं,लेकिन किसानों के संकट खत्म नही हो रहे। फसल अगर मौसम से सुरक्षित होकर मंडी तक पहुंच जाए जो उसके बाद किसानों को रेट रूपी तूफान से लड़ना पड़ता है अब यह प्याज को सड़क पर फेंकने लायक भाव किसान को बर्बाद कर रहा हैं अब बिना काटे ही किसान को प्याज रुला रही हैं बल्कि उसके सपनों को भी डुबो रही हैं।
जिले में प्याज का रकबा बढ़ने से बंपर उत्पादन हो रहा है। इस साल भी बड़ी मात्रा में प्याज की आवक चल रही है। कृषि उपज मंडी शिवपुरी शनिवार से सोमवार तक तीन दिन छुट्टी के बाद मंगलवार को खुली। किसान 340 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां व लोडिंग में प्याज लेकर पहुंचे। बंपर आवक देखकर व्यापारियों ने प्याज के भाव गिरा दिए। मंडी में मंगलवार को प्याज का न्यूनतम भाव 2 रु. प्रति किलो (80 रु. प्रति मन) रहा। जबकि मोटी साइज की प्याज का भाव 10 से 11 रु. तक रहा। जबकि शहर की थोक मंडी में प्याज 10 रु. किलो और मोटी प्याज 15 रु. से अधिक कीमत पर बिक रही है।
शिवपुरी पिछले साल किसानों के विरोध के बाद व्यापारियों ने प्याज पर 5% कमीशन घटाकर इस साल 2% कर दिया है। लेकिन मंगलवार को किसानों को न्यूनतम भाव 2 रुपए किलो तक मिला। जबकि मोटी प्याज का अधिकतम भाव 10 से 11 रु. किलो तक रहा। भाव ठीक नहीं मिलने से दुखी होकर कई किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां वापस ले गए। प्याज फिर से किसानों को आंसू निकालने लगी है।