गरीबों का फ्रिज भी हुआ महंगा: सजने लगी है हाट, लेकिन कीमतों में उछाल - Shivpuri News

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शिवपुरी।
पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण मटके का कारोबार पिट रहा था। चैत्र नवरात्रि पर मटके बनाने वाले राजेश्वरी माता मंदिर के बाहर दुकान लगाकर मटके बेचते थे। लेकिन दो सालों से उनकी बिक्री काफी कम हो गई थी। परंतु इस बार मटका व्यवसाय अब पुराने रौनक में आ गया है।

राजेश्वरी माता मंदिर के बाहर मटकों की बहुत से दुकानें लगी हुई हैं। लेकिन इस बार कीमतों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। जिससे मटकों की बिक्री भी बढ़ गई है।

शिवपुरी में छोटे से छोटा मटका 60 से 70 रूपए तक में मिल रहा है और घरों में इस्तेमाल होने वाले मटके की कीमत 100 से 250 रूपए तक है। मटका बेचने वालों ने बताया कि हम भी क्या करें, हम पर भी महंगाई की मार है। पहले हाथ से चरखी को घुमाकर मटके बनाए जाते थे अब बिजली की मोटर का इस्तेमाल होता है।

मिट्टी और भूस आदि की कीमतें भी बढ़ गई हैं। वाहनों का इस्तेमाल कर मटके बाजार में लाए जाते हैं इसका भी असर कीमत पर पड़ रहा है। विदित हो कि पिछले साल अच्छे से अच्छा मटका 100 रूपए तक में सुलभ हो जाता था। लेकिन अच्छी बात यह है कि दो वर्षाे के बाद इस बार फिर मटके का बाजार सजा हुआ है।
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