खनियाधाना में लीज न रॉयल्टी, माफिया रसूख और मैनेजमेंट से चला अवैध मुरुम खनन का अवैध कारोबार - Shivpuri News

Bhopal Samachar
खनियाधाना। खनियाधाना में खनन माफियाओं के हौसले इस समय बुलंदी पर हैं। न किसी मुरम की लीज है और न ही रॉयल्टी काटी जा रही है इसके बाद भी हर दिन माफिया धरती का सीना चीरने में जुटे हुए हैं। प्रशासन भी इनके सामने मूक दर्शक बनकर बैठा हुआ है। जब कार्रवाई का दबाव आता है तो एक-दो वाहन पकड़कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है।

खनियाधाना में व्यापक स्तर स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से शासकीय भूमि या पहाड़ियों से भी मुरम का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। माफिया पहाड़ों की कछारों, शासकीय नजूल की भूमि से भारी मात्रा में मुरम का उत्खनन कर निजी उपयोग और उसका विक्रय कर रहे है।

जानकारी के अनुसार सर्वे 494 पनिहारा 6 हेक्टेयर शासकीय रेवन्यू की भूमि 442 443 444 जालमपुर में खनन माफियाओं ने खनन माफिया स्थानीय प्रशासन पर हावी होकर दिन रात जेसीबी द्वारा गुडर के पास, जैरा घाटी, पनिहारा तिराहा, जालमपुर चमरौआ में व्यापक स्तर उत्खनन हजारो लाखो घन मीटर शासकीय भूमि से मुरम खोद रहे है।

प्रशासन अभी तक इन माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। एक तरफ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के माफियाओं को चेतावनी देते हुए कह रहे है कि वो राज्य छोड़कर चले जाएं, नहीं तो वो सभी को जमीन में गाड़ देगे। उन्होंने अपने शासन को सुशासन करार दिया लेकिन वही खनियाधाना में गुडर के पास,जैरा घाटी,पनिहारा तिराहा,जालमपुर चमरौआ में अवैध रूप से मुरम का उत्खनन जोरों पर चल रहा है।

यहां खनिज और राजस्व प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन के उदासीन रवैए के कारण बिना अनुमति एवं रायल्टी चुकाए लोग मुरम का उत्खनन कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। अधिकांश क्षेत्र खनिज व फॉरेस्ट की रेंज में आता है, लेकिन वन विभाग को अपनी संपदा के खनन की कोई चिंता नहीं है। खनिज विभाग पर हमेशा अवैध खनन कराने का आरोप लगता रहा है लेकिन सच्चाई कुछ और है।

वन विभाग,पुलिस विभाग की मिलीभगत से जंगल की जमीन से बालू व पत्थर, मुरम का खनन हो रहा है, वन संपदा या फिर कीमती लकड़ियों की तस्करी भी बेरोकटोक जारी है। ऐसे में रात में हो रहे बालू के अवैध खनन का फायदा सरकार को नहीं मिल रहा, बल्कि इसकी सुरक्षा में तैनात विभाग के इशारे पर खनन माफिया सक्रिय हैं। इन खनन माफियाओं को पुलिस की भी मौन स्वीकृति मिली हुई है।