सुरक्षित मातृत्‍व पर फ्रन्‍ट लाईन कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्‍पन्‍न - Pohri News

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पोहरी।
समुदाय आधारित कुपोषण प्रबधंन परियोजना का संचालन कर रही विकास संवाद पोहरी द्वारा सुरक्षित मातृत्‍व पर फ्रन्‍ट लाईन कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन को कार्यालय पोहरी पर किया गया, जिसमें 30 सहभागियों ने भाग लिया, परियोजना के 15 गॉव में सुरक्षित मातृत्‍व को सुनिश्चित करने फ्रन्टलाईन कार्यकर्ताओं की मुख्‍य भूमिका रही इसके लिये फ्रन्टलाईन कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्व‍ि के लिये यह प्रशिक्षण रखा गया।

आज के कार्यक्रम के उद्देश्य पर अजय यादव द्वारा बताया गया कि परियोजना के 15 गॉव में सुरक्षित मातृत्‍व को सुनिश्चित करने फ्रन्टलाईन कार्यकर्ताओं की मुख्‍य भूमिका रही इसके लिये फ्रन्टलाईन कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्व‍ि के लिये यह प्रशिक्षण रखा गया। सत्र की शुरूआत मे आमिर खॉन बी ई ई समुदाय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पोहरी द्वारा उपस्‍थित सहभागियों से पूछा गया कि‍ आप लो्ग जमीनी स्‍तर पर काम करने वाले लोग है आप सुरक्षित मातृत्‍व से क्‍या समझते हैं, इसके लिये क्‍या करना पडेगा या क्‍या करना पडता है। जिससे मातृत्‍व सुरक्षित हो सके?

इस पर सहभागियों द्वारा बताया गया कि सबसे पहले गर्भ का पता चलते ही ऑगनवाडी केन्‍द्र में पंजीयन हो जाए जिससे उसे स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण की सेवाऐ दी जा सकें। जिसमें सबसे पहले टीकाकरण जिसमें पहला टीका और 1 माह के अंतराल पर दूसरा टीका, इसी के साथ ही आयरन फॉलिक एसिड की गोलियॉ तथा 4 एएनसी जॉचें मिलें जॉचों में बी पी, वजन, उॅचाई,पेशाब, पेट, हीमोग्लिोविन की जॉच आदि का होना जरूरी है। इसके साथ ही माता को संस्‍थागत प्रसव के लिऐ सलाह देना, मॉ यह सुनिश्चित करे की प्रसव संस्‍थागत हो वो डॉक्‍टर की निगरानी मे सुरक्षित होगा इसलिऐ हमें संस्‍थागत प्रसव को अपने समुदाय में सुनिश्चित करवाना है।

विकास संवाद भोपाल से आरती पाराशर जी द्वारा प्रसव के बाद की देखभाल पर प्रकाश डालते हुऐ बताया गया कि हम सभी की जिम्‍मेदारी है कि प्रसव के बाद का जो समय है वो भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है जितना गर्भवास्‍था का था। इसमें हमें उस महिला के यहॉ गृहभेंट करना सुनिश्चित करना होगा, जिससे यह पता चल सके कि‍ प्रसव के बाद महिला की क्‍या स्थिति है कोई परेशानी तो नही है, क्‍या बच्‍चा दूध सही से पी रहा है, मॉ बच्‍चा को बुखार तो नही है।

इसलिऐ हमें सात गृहभेंट 42 दिन तक करना है। इसी के साथ ही हमें अपने समुदाय में ऐनिमिया को कम करने के लिए पोषण स्‍तर में सुधार लाने की जरूरत है जिसके लिऐ तिरंगा भोजन हमारे खाने में शामिल हो जिससे ऐनिमिया में कमी आ सके। और यह तभी होगा जव हम अपने समुदाय में पोषण पर लोगों को जागरूक करेंगे। प्रशिक्षक के रूप में आरती पाराशर विकास संवाद भोपाल एंव समुदाय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पोहरी के बीईई आमि‍र खान तथा विकास संवाद पोहरी से अजय यादव उपस्थित रहे।
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